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आज के समय में इलेक्ट्रिसिटी और मोबाइल लाइफ का अभिन्न हिस्सा है.
आज के समय में इलेक्ट्रिसिटी और मोबाइल लाइफ का अभिन्न हिस्सा है. उनके बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है. लगभग हर व्यक्ति इनका इस्तेमाल करता है, लेकिन यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले एक शख्स के लिए बिजली और मोबाइल काफी खतरनाक हैं. 48 साल के इन शख्स को बिजली और मोबाइल रेडिएशन से एलर्जी है. उनके लिए उस जगह पर रहना काफी मुश्किल होता है, जहां पर इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंस चल रहे हों या फिर मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा हो.
ब्रूनो बैरिक नाम के ये शख्स नॉर्थहैम्प्टनशायर के रॉथवेल में रहते हैं. ब्रूनो इस एलर्जी की वजह से कैदी की तरह घर में ही रहते हैं. चार साल पहले स्वस्थ और युवा दिखने वाले ब्रूनो एकदम से बूढ़े दिखने लगे हैं. इन चार सालों में ब्रूनो का वजन 31 किलोग्राम तक घट गया है. ब्रूनो को अचानक एक दिन थकान महसूस होने लगी, पूरे शरीर में जलन होने लगी और सिर दर्द होने लगा. उन्हें कोई गंभीर बीमारी भी नहीं थी. जब उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि उन्हें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हाइपरसेंस्टिविटी (Electromagnetic Hypersensitivity) है. इसे इलेक्ट्रोसेंस्टिविटी भी कहते हैं.
इस बीमारी को इलेक्ट्रोफोबिया भी कहते हैं
इस बीमारी को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड इनटॉलरेंस सिंड्रोम या इलेक्ट्रोफोबिया भी कहते हैं. बिल्डर और ग्रेहाउंड कुत्तों के ट्रेनर रहे ब्रूनो अपनी पत्नी लीजा और तीन बेटियों के साथ रहते हैं. ब्रूनो के परिवार के सदस्य बिजली के उपकरणों का कम से कम इस्तेमाल करते हैं. अपनी इस बीमारी के चलते उन्होंने अपने घर को एक खास तरह के पेंट से रंगवा दिया है ताकि घर में मोबाइल रेडिएशन या रेडियो किरणें न आएं.
ब्रूनो के सामने जब कोई मोबाइल चलाता है या कोई इलेक्ट्रिक उपकरण चलाता है तो वो परेशान होने लगते हैं. उन्हें दिक्कत होने लगती है.
बीमारी समझने में चार साल लग गए
ब्रूनो बैरिक ने बताया कि उन्हें करीब चार साल पहले अपनी इस बीमारी के लक्षण दिखाई पड़ने शुरू हुए. चार साल लग गए उन्हें ये समझने में कि उन्हें इलेक्ट्रोसेंस्टिविटी है. एलर्जी के खतरे को कम करने के लिए ब्रूनो अपने घर के बाहर एक आउटहाउस बनवा रहे हैं, जिसमें वो अकेले रहेंगे. ब्रूनो कहते हैं कि वे इसमें तब रहेंगे जब घर में बिजली का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा होगा.
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