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OMG! शेर के शावक का मिला सुरक्षित शव, है 28000 साल पुराना, खुद देखें वीडियो

jantaserishta.com
10 Aug 2021 12:02 PM GMT
OMG! शेर के शावक का मिला सुरक्षित शव, है 28000 साल पुराना, खुद देखें वीडियो
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साइबेरिया की ठंड में जो जम जाता है वो उसी हालत में हजारों-लाखों सालों तक पड़ा रहता है. साइबेरिया की एक बर्फीली गुफा से 28 हजार साल पुराना शेर का शावक मिला. उसका शरीर, मांसपेशियां, दांत और बाल ये सब पूरी तरह से सुरक्षित हैं. शरीर थोड़ा ममीफाइड हो गया है लेकिन कहीं भी सड़न नहीं थी. प्राचीन जीवों के वैज्ञानिक इस शेर के शावक के इस सुरक्षित शव को देखकर हैरान हैं.

प्राचीन जीवों के जानकारों का मानना है कि यह अब तक का सबसे सुरक्षित प्राचीन जीव मिला है. इससे पहले कभी भी इतनी सुरक्षित हालत में कोई प्राचीन जीव नहीं मिला था. स्वीडन के स्टॉकहोम स्थित सेंटर फॉर पैलियोजेनेटिक्स के शोधकर्ताओं ने इसका नाम स्पार्टा (Sparta) रखा है.
बर्फीली गुफा में मिले इस शेर के शावक के दांत और त्वचा एकदम ठीक हैं. उसके नरम टिश्यू और अंग ममीफाइड हो गए हैं लेकिन उनमें सड़न नहीं है. शेर के बाल यानी फर मिट्टी की वजह से गंदे और जमे हुए हैं, लेकिन उन्हें साफ करने पर वो भी एकदम नरम और लहराते हुए निकल आएंगे.
जिस शोधकर्ता ने इस शेर के शावक को खोजा है, उन्होंने कहा कि मरने के समय स्पार्टा की उम्र सिर्फ 2 महीने की रही होगी. जब यह मरी है तब गुफा में यह अकेले नहीं रही होगी. क्योंकि इसके साथ एक और शावक जरूर रहा होगा. जिसकी खोज 49 फीट दूर हुई. यानी इस गुफा में स्पार्टा अपने भाई बोरिस के साथ थी.
लेकिन हैरानी की बात ये है कि स्पार्टा की मौत बोरिस की मौत से 1500 साल बाद हुई है. यानी बोरिस उससे उम्र में बड़ा था. यह उम्र रेडियोकार्बन डेटिंग से पता की गई है. इन दोनों शावकों की खोज साइबेरिया में साल 2017 और 2018 में की गई थी. जब इनके शरीर की स्कैनिंग की गई तो पता चला कि इन दोनों शावक किसी के शिकार हुए थे. हालांकि दोनों के शरीर पर किसी तरह के घाव के निशान नहीं मिले.
सेंटर फॉर पैलियोजेनेटिक्स में इवोल्यूशनरी जेनेटिक्स की प्रोफेसर लव डेलेन ने कहा कि स्पार्टा (Sparta) हिमयुग की सबसे बेहतरीन प्राचीन जीव है, जो अब तक सुरक्षित है. इसके फर यानी ऊपरी बाल थोड़े बहुत मिट्टी में जरूर मिल गए हैं. लेकिन बाकी का शरीर एकदम सही सलामत है. जबकि बोरिस की स्थिति इससे ज्यादा खराब थी.
लव डेलेन ने कहा कि स्पार्टा को देख कर लगता है कि वह मिट्टी के साथ बहकर किसी दरार में फंस गई. यहां पर पर्माफ्रॉस्ट की वजह से उसका शरीर सड़ने से बच गया. पर्माफ्रॉस्ट की वजह से अक्सर साइबेरिया में जमीन में, गुफाओं में और बर्फीली चादरों में दरारें पड़ जाती हैं. ये काफी गहरी होती हैं. इनमें अगर कोई जीव फंस गया तो उसका निकलना मुश्किल होता है.
मरते समय स्पार्टा के शरीर की लंबाई 20 इंच ही थी. जबकि बोरिस की इससे थोड़ी बड़ी. यानी मरते समय दोनों ही शावक बेहद छोटे थे. स्पार्टा का वजन 800 ग्राम और बोरिस का 1.45 किलोग्राम था. लगभग अफ्रीकन शेरों के शावकों का वजन इतना ही होता है पैदा होने के एक-दो महीने के अंदर. अगर शावकों को किसी बंद जगह पाला जाता है, तो उनका वजन ज्यादा तेजी से बढ़ता है.


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