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अधिकांश महिलाएं और लड़कियां हर महीने पीरियड्स (Periods) यानी माहवारी की समस्या से गुजरती हैं,
जनता से रिश्ता वेबडेसक | अधिकांश महिलाएं और लड़कियां हर महीने पीरियड्स (Periods) यानी माहवारी की समस्या से गुजरती हैं, लेकिन क्या आपने कभी यह सुना या देखा है कि किसी महिला को पीरियड के दौरान आंखों से खून (Bleeds From Eyes) निकलता हो. क्यों इस बात पर विश्वास नहीं होता है ना, लेकिन यह सच है. दरअसल, डॉक्टरों के होश उस वक्त उड़ गए जब एक महिला अपनी आंखों से खून बहने की शिकायत लेकर उनके पास पहुंची. बताया जाता है कि 25 वर्षीय महिला खून के आंसू यानी आंखों से खून बहने की परेशानी होने पर चंडीगढ़ के एक अस्पताल पहुंची. हालांकि आंखों से खून निकलने के कारण महिला को किसी दर्द या परेशानी की शिकायत नहीं हो रही थी, लेकिन उसने डॉक्टरों को बताया कि उसे एक महीने पहले भी इस तरह की तकलीफ हुई थी.
डॉक्टर के पास जाने के बाद महिला को कई नेत्र विज्ञान और रेडियोलॉजिकल टेस्ट से गुजरना पड़ा. हालांकि यहां हैरान करने वाली बात यह भी है कि उसकी सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई. डॉक्टर ब्लीडिंग के स्रोत का पता नहीं लगा सके और महिला ने भी बताया कि उसे पहले से आंखों से संबंधित कोई समस्या नहीं थी.
मामले की अधिक विस्तार से जांच करने के बाद डॉक्टरों ने महसूस किया कि दोनों बार जब महिला की आंखों से खून के आंसू निकले थे, तब वह पीरियड्स यानी अपनी मासिक माहवारी में थी. आखिर में डॉक्टरों को महिला के नेत्र संबंधी मासिक धर्म के बारे में पता चला. इस दुर्लभ स्थिति को एक्सट्रेजिनल अंगों (Extragenital Organs) से मासिक धर्म के दौरान होने वाले चक्रीय रक्तस्राव के रूप में वर्णित किया गया है. इस दुर्लभ स्थिति में पीरियड्स के दौरान महिला के होंठ, आंख, फेफड़े और पेट से भी रक्तस्राव हो सकता है.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होने के बाद महिला का यह दुर्लभ मामला सामने आया. अध्ययन के लेखकों ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल परिवर्तन इन अंगो की संवहनी पारगम्यता (Vascular Permeability) को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण ब्लीडिंग होती है. इसके बावजूद सटीक शारीरिक कारण अभी भी अज्ञात है. विशेषज्ञों का मानना है कि एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या एक्सट्रोजेनिटल अंगों में एंडोमेट्रियो टिशू (Endometrial Tissue) की उपस्थिति विकसित होने का कारक हो सकती है.
अध्ययन के लेखकों ने कहा कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हाइपरएमिया, कंजेशन और सेकेंडरी ब्लीडिंग के परिणामस्वरूप कोशिकाओं की पागरम्यता को बढ़ा सकते हैं. महिला का ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (Oral Contraceptives) के अलावा एस्ट्रोजेन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) के संयोजन के साथ इलाज किया गया. इलाज के तीन महीने बाद महिला ने इस समस्या को अनुभव नहीं किया है.
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