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अब डॉक्टर्स ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल करेंगे जोंक, जानें कैसे

Gulabi
21 May 2021 9:21 AM GMT
अब डॉक्टर्स ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल करेंगे जोंक, जानें कैसे
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ब्लैक फंगस का इलाज

कोरोना वायरस संकट के बीच ब्लैक फंगस ने भी हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है. काफी लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं. लेकिन, इसी बीच ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए डॉक्टर्स ने अजीबो-गरीब तरीका अपनना शुरू कर दिया है. हो सकता है इस तरकीब के बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएं. लेकिन, यह सच है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर्स ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए खून चूसने वाली जोंक को ढूंढ रहे हैं. तो आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस नाम की बीमारी लोगों को अपने गिरफ्त में ले रही है. ऐसे में आयुर्वेदिक पद्धति से इस बीमारी का इलाज करने के लिए जोंक को डॉक्टर्स ढूंढ रहे हैं. बताया जा रहा है कि बिहार की राजधानी पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इन दिनों बिना विष वाली जोंक की तलाश जारी है. ताकि, इससे मरीजों का इलाज किया जा सके. रिपोर्ट के अनुसार, जोंक इंसान के शरीर से गंदा खून को चूस लेती है और डेड सेल को नष्ट कर देती है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है और स्किन खराब हो जाती है तो डेड सेल को एक्टिव करने में जोंक काफी मददगार साबित होती है. लिहाजा, इलाज के लिए डॉक्टर्स जोर-शोर से जोंक को ढूंढ रहे हैं.
दो तरह के होते हैं जोंक
यहां आपको बतादें कि जोंक भी दो तरह के होते हैं. एक विष वाला जोंक और दूसरा बिना विष वाला. बिना विष वाले जोंक की पहचान करना काफी आसान है. जबकि, विष वाले जोंक गहरे काले रंग की होती हैं. वहीं, बिना विष वाले जोंक हरे रंग की चिकनी त्वचा वाली और बिना बालों वाली होती है. ग्रामीण इलाकों में बिना विष वाले जोंक काफी पाई जाती है. लिहाजा, डॉक्टर्स को उम्मीद है कि उन्हें आसानी से बिना विष वाले जोंक मिल सकती हैं. गौरतलब है कि वर्तमान में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सरकार ने कालाजर वाले इंजेक्शन की अनुमति दे दी है.
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