x
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है? इस सवाल का जवाब तलाशने में दुनिया बनने के बाद से ही इंसान जुटे हैं
मानव सभ्यता कितनी पुरानी है? इस सवाल का जवाब तलाशने में दुनिया बनने के बाद से ही इंसान जुटे हैं. इसके बाद भी मगर अब तक हर रोज इस मायावी दुनिया में कुछ न कुछ रोज-रोज नया और हैरतअंगेज देखने सुनने को मिल ही जाता है. कभी कुछ और कभी कुछ. आज मैं बात कर रहा हूं 8000 साल पुरानी इंसानी खोपड़ी के (Oldest Human Skull) यानी कंकाल की. बात अविश्वनीय जरूर है. इस वक्त तक मगर इसके बारे में जो कुछ निकल कर सामने आ सका है, उसको आसानी से नजरअंदाजर करना भी नामुमकिन है. इतनी पुरानी इंसानी खोपड़ी की खबर लगते ही दुनिया हैरत में है. कुछ लोग खबर पर विश्वास कर रहे हैं. तो कुछ इसे लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.
जो भी हो खबर में दम है. इसीलिए दुनिया भी दंग है. अब से 8000 साल पुरानी इंसानी खोपड़ी के मिलने की खबर को सुनकर. दरअसल खबरों के मुताबिक यह इंसानी सिर का कंकाल मिनेसोटा नदी पर कयाकिंग (Kayaking) करते समय दो लोगों को मिली. जिज्ञासावश वे दोनो इस खोपड़ी (कंकाल) को साथ ले गए. उन दोनो ने काफी पुरानी चीज समझकर उसे समझदारी का परिचय देते हुए सरकार के हवाले कर दिया. सरकारी मशीनरी ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि, हाथ लगी इंसानी खोपड़ी की हड्डी तो करीब 8000 साल पुरानी है. इससे भी ज्यादा इस कहानी का जो दिलचस्प पहलू है वह यह है कि, जिसकी यह खोपड़ी है उस इंसान की मौत का कारण भी सामने आ गया है.
रेलविले काउंटी अफसरों के मुताबिक
वेबसाइट Wion में छपी खबर के अनुसार, रेनविले काउंटी के अधिकारियों ने कहा है कि, यह खोपड़ी बीते साल गर्मियों के मौसम में नदी में तैरती हुई मिली थी. काउंटी शेरिफ स्कॉट हैबल ने इसे मेडिकल रिसर्च डिपार्टमेंट के हवाले कर दिया. यह जानने के लिए कि कहीं यह किसी लापता व्यक्ति की खोपड़ी का कंकाल तो नहीं है. हालांकि काउंटी के दफ्तर से हासिल जवाब को देख-पढ़कर लोगों की बांछें खिल गईं. क्योंकि बात ही उछल पड़ने वाली थी. काउंटी की रिपोर्ट में कहा गया कि खोपड़ी, एक युवक की थी जिसकी मौत 5500 से 6000 ईसा पूर्व के बीच हुई होगी. मतलब साफ है कि यह इंसानी खोपड़ी अब से करीब 8000 साल पुरानी रही है. हेबल ने कहा, 'यह एक इंसान की खोपड़ी ही है. यह खोपड़ी एक युवक की रही थी. आश्चर्यजनक बात है कि यह, लगभग 8,000 वर्ष पुराना था. यह हमारे लिए एक झटके जैसा था. यह हड्डी इतनी पुरानी थी.'
एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज जानकारियां
इतना ही नहीं जब गहराई से जांच होनी शुरू हुई तो एक के बाद एक कई और भी जानकारियां हाथ लगनी शुरू हो गईं. इस बारे में हैबल ने आगे बताया, जिसकी यह खोपड़ी है उस आदमी ने मक्का और ज्वार के साथ कुछ समुद्री भोजन खाया था. करीब 8 हजार साल पुरानी बरामद इस खोपड़ी के ऊपर जांच कर्ताओं ने चोट के एक निशान को भी देखा है. जो शायद इस इंसान की मौत के कारणों की ओर भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करता है. हालांकि, खोपड़ी की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करने के लिए स्थानीय पुलिस की समाज के एक वर्ग ने आलोचना भी की थी. बकौल हेबल, 'हमें पता नहीं था. लेकिन हमको इस तथ्य से सतर्क किया गया था कि, फेसबुक पोस्ट एक या एक से अधिक लोगों के लिए हिंसक दिख रही थी. इसलिए हमने इससे संबंधित पोस्ट को हटा दिया है. हमारा मकसद नहीं था कि हम किसी को आहत करने का काम करें.'
खबरों की अगर मानें तो….
खबरों के मुताबिक, जांच टीम में जुटे सदस्यों में से कुछ का मानना था कि यह मानव अवशेष मिनेसोटा में रहने वाले, आदिवासी समुदायों से संबंधित हो सकता है. इस संभावना को अगर पुख्ता रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता है. तो इससे इनकार करना भी आसान नहीं है. हालांकि, राज्य पुरातत्वविदों ने कहा है कि वे, अवशेषों को अपर सिओक्स समुदाय के आदिवासी अधिकारियों के हवाले भी कर सकते हैं.
Rani Sahu
Next Story