औरोरा बोरियालिस (Aurora Borealis) या नॉर्दर्न लाइट्स (Northern Lights) प्रकृति की खूबसूरती को दिखाती हैं. इन्हें पृथ्वी के सबसे बड़े लाइट शो के तौर पर माना जाता है. धरती के उच्च अक्षांशों पर होने वाली इस घटना ने सदियों से वैज्ञानिकों को हैरान किया है. अभी तक ये नहीं मालूम था कि आखिर वो क्या वजह है, जो नॉर्दर्न लाइट्स को पैदा करती है. हालांकि, अब जाकर इस सवाल का जवाब ढूंढ़ लिया गया है.
यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के फिजिसिस्ट के एक ग्रुप ने आखिरकार ये साबित कर दिया है कि नॉर्दर्न लाइट्स जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म के दौरान शक्तिशाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स की वजह से पैदा होते हैं. एक नए अध्ययन में इसकी जानकारी दी गई है.
इस अध्ययन में बताया गया है कि इस घटना को अल्फवेन वेव्स (Alfven waves) के तौर पर भी जाना जाता है. ये घटना इलेक्ट्रॉन को पृथ्वी की ओर भेजने लगती है. इस वजह से पार्टिकल्स रोशनी पैदा करने लगते हैं, जिन्हें हम नॉर्दर्न लाइट्स के रूप में जानते हैं.
अध्ययन के सह-लेखक और प्रोफेसर ग्रेग होवेस ने कहा, हमें पता चला कि इलेक्ट्रॉन्स की छोटी आबादी अल्फवेन वेव्स की इलेक्ट्रिक फील्ड से तेजी से गुजरती है. ये कुछ ऐसा है, जैसे एक सर्फर एक लहर को अपने सर्फबोड के जरिए पकड़ने का प्रयास कर रहा है. लेकिन उसकी रफ्तार बढ़ती जा रही है क्योंकि वह लहर के साथ आगे बढ़ रहा है.
वैज्ञानिकों ने UCLA के LPD पर 20 मीटर लंबे चैंबर का शक्तिशाली मैग्नेटिक फील्ड कॉइल के जरिए पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड को फिर से बनाने के लिए प्रयोग किया. इस चैंबर के भीतर वैज्ञानिकों ने वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के पास अंतरिक्ष में मौजूद होने वाले प्लाज्मा को तैयार किया.