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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। IPS Officer Navniet Sekera Facebook Post: जैसा कि हम अक्सर देखते हैं कि जिस जगह पर बंदरों की फौज मौजूद होती है, वहां पर लोग जाने से कतराते हैं और खूब डरते हैं. हालांकि, लोगों को यह नहीं मालूम कि बंदरों के हमलों से कैसे बचा जा सकता है. भूख से परेशान बंदर कई बार सड़क-मोहल्लों से आने-जाने वाले लोगों के हाथों से खाने की चीजें छीन लेते हैं. बंदरों को भगाने के लिए कुछ लोगों की ड्यूटी भी लगाई जाती है, ताकि वे आम पब्लिक को परेशान न करे. ड्यूटी के दौरान मौजूद लोग बंदरों को डंडे, पत्थर और लाठी का इस्तेमाल करते हैं. इन सब चीजों से परे एक आईपीएस अधिकारी ने इसका रास्ता दिखाया है.
बंदर को काबू में रखने की नई ट्रिक
आईपीएस अधिकारी नवनीस सिकेरा (IPS Officer Navniet Sekera) अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्टिव रहते हैं. वह किन्हीं ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में जानकर लोग प्रेरित हो जाते हैं. अपने लेटेस्ट पोस्ट में उन्होंने बंदरों से बिना लाठी-डंडे से निपटने के बारे में बताया. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'पढ़ा था कि 93% कम्युनिकेशन नॉन वर्बल होता है, मतलब 93% बातें बिना कहे ही समझी जाती हैं. यहां पीटीसी उन्नाव में बहुत सारे बंदर हैं एक होमगार्ड की ड्यूटी डंडे के साथ सिर्फ बंदरो को भगाने के लिए लगाई जाती थी.'
देखें पोस्ट:
आईपीएस अधिकारी ने पोस्ट में लिखी ये बात
इस बारे में नवनीत सिकेरा ने आगे कहा, 'मैंने पूछा क्यों, तो बताया गया बंदर बहुत बदमाश है काट भी लेते हैं, सबसे पहला काम किया डंडा धारी पहलवान की ड्यूटी खत्म की और बंदरों के प्रति सहज होना शुरू किया. अब प्रतिदिन शाम को बंदरों का पूरा कुनबा आ जाता है. चैन से चने और केले खाता है और शांति से वापस चला जाता है. आज तक किसी बंदर ने कोई भी नुकसान नहीं किया.'
उन्होंने आगे लिखा, 'तस्वीरों में जो बंदर दिख रहा है वह मुखिया है इनका, सबसे तगड़ा है अब वो मेरे पास सहज रूप से आकर बैठ जाता है और मैं समझ जाता हूं कि उसे क्या चाहिए. यहां मैं उसे शर्बत पिला रहा हूं और वह शांति से बैठकर पी रहा है. साहब प्यार से सम्मान से किसी को एप्रोच कीजिये, आपको सफलता मिलेगी, याद रखिये सम्मान बातों में नहीं निगाह में होता है.' इस पोस्ट को 29 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया और डेढ़ हजार से ज्यादा कमेंट्स मिले हैं.
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