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इंसानों से पहले अंतरिक्ष में पहुंच चुके थे बंदर, भेजे थे स्पेस एजेंसी नासा

Ritisha Jaiswal
28 July 2022 8:20 AM GMT
इंसानों से पहले अंतरिक्ष में पहुंच चुके थे बंदर, भेजे थे स्पेस एजेंसी नासा
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अंतरिक्ष में इंसान के कदम रखने का स्वर्णिम इतिहास तो हम सभी जानते हैं

अंतरिक्ष में इंसान के कदम रखने का स्वर्णिम इतिहास तो हम सभी जानते हैं और इस पर गर्व भी करते हैं लेकिन ये दुनिया के पहले अंतरिक्षयात्री नहीं हैं. इंसानों से पहले जानवरों के तौर पर कई अंतरिक्षयात्री स्पेस का चक्कर लगा चुके हैं. इन्हें खुद स्पेस एजेंसी नासा (NASA Space Agency) ने वहां भेजा था. आज की एडवांस स्पेस टेक्नोलॉजी में इन बंदरों, कुत्तों और चिम्पैंजियों का बड़ा योगदान है, जिनके बारे में हम ज्यादा नहीं जानते.

1960 के दशक में नासा ने अपने एक प्रोग्राम के तहत बंदरों और चिम्पैंजियों को स्पेस में भेजा था. इस प्रोजेक्ट का नाम मरक्यूरी स्पेस प्रोजेक्ट था. इसके तहत चिम्पैंजी को पूरी तैयारी के साथ अंतरिक्ष में भेजा गया था. आज हम आपको बताएंगे कि इस प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किए गए हैम नाम के चिम्पैंजी के बारे में, जो अंतरिक्ष तक गया और वापस आया. आखिर इसके बाद उसका क्या हुआ, वो ज़िंदा रह पाया या फिर नहीं, ये पूरी कहानी हम आपको सुनाएंगे.
कैमरून से आया बंदर पहुंचा स्पेस में
चिम्पैंजी को बंदरों की फैमिली का सबसे होशियार सदस्य माना जाता है, जिसका 98 फीसदी डीएनए इंसानों से मिलता-जुलता है. यही वजह है कि मरक्यूरी प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कैमरून से हैम नाम के एक चिम्पैंजी को चुना था. उसे ट्रीट और पनिशमेंट की टेक्निक का इस्तेमाल करके लिवर खींचना और ऑपरेट करना सिखाया गया. उसने साल 1961 में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी और 6 मिनट तक वहां रहा. कुछ तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हैम की फ्लाइट तय की गई रफ्तार से कहीं तेज़ थी और ये बेहद तेज़ी से नीचे भी आई. गनीमत ये रही कि इस एक्सिडेंट में भी हैम ज़िंदा बच गया और उसने लौटने के बाद अपनी बाकी की ज़िंदगी नॉर्थ कैरोलिना के एक चिड़ियाघर में बतौर सिलेब्रिटी बिताई. 1983 में एक पिंजरे के अंदर ही 25 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई. हैम के बाद एनॉस नाम का एक और चिम्पैंजी अंतरिक्ष में धरती के ऑर्बिट तक पहुंचा था.
Monkeys in Space, Monkeys' Trip in Space , Space Science, Space News, Space Exploration, NASA Space Agency, NASA, Amazing Facts, Interesting Factsमरक्यूरी प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कैमरून से हैम नाम के एक चिम्पैंजी को चुना था. (Credit-NASA / mediadrumworld.com)
इससे पहले कई बंदरों के साथ हुए हादसे
बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने का खेल 1940 के दशक से ही चल रहा था. 1948 में सबसे पहले अलबर्ट नाम के बंदर को V2 रॉकेट में भेजा गया था, जिसकी रास्ते में ही दम घुटने से मौत हो गई थी. इसके बाद अगले साल ही अलबर्ट 2 नाम के एक बंदर को भेजा गया, जो लौटते वक्त हादसे का शिकार हो गया. अलबर्ट 6 नाम का बंदर धरती पर वापस आया, लेकिन ये अंतरिक्ष तक नहीं पहुंच सका था. 1959 में स्क्वेरल मंकी मिस बेकर और एबल स्पेस ट्रिप से नीचे आए, जिसमें से एबल थोड़े दिनों तक ही ज़िंदा रह सका. इस तरह के मिशन के लिए नासा की खूब आलोचना हुई, लेकिन उन्होंने इसे जारी रखा था.


Ritisha Jaiswal

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