x
नपुंसक बनाए जा रहे हैं बंदर
दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां की अर्थव्यवस्था मुख्य तौर पर टूरिज्म पर निर्भर करती है. थाईलैंड (Thailand) भी ऐसे ही एक देश में शामिल है. यहां की इकोनॉमी देश में घूमने आए टूरिस्ट्स पर डिपेंड करती है. लेकन कोरोना काल में देश की इकोनॉमी बुरी तरह प्रभावित हो गई. इसके बाद थाईलैंड में पर्यटक आना बंद हो गए थे. खाली सड़कों पर लोग नहीं थे. कुछ था तो सिर्फ बंदर. कोरोना काल में देश में बंदरों की संख्या काफी बढ़ती गई. इसके बाद जब लॉकडाउन (Lockdown) खुला तो लोगों को बंदर ने काफी परेशान करना शुरू कर दिया. इस वजह से अब लोग बंदरों के साथ ज्यादती करने पर उतर आए हैं.
थाईलैंड सरकार ने यहां बंदरों को पकड़कर उन्हें नपुंसक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. बीते एक साल में करीब 600 बंदरों को नपुंसक बनाकर छोड़ा गया है. दरअसल, यहां बंदर सिर्फ अपनी संख्या बढ़ा कर लोगों को परेशान कर रहे हैं. ऐसे में इनकी संख्या कंट्रोल करना सरकार के लिए चैलेंज बन गया है. कई जिलों में बंदरों को पकड़ा जा रहा है और उन्हें इंजेक्शन देकर नपुंसक बनाया जा रहा है. ताकि भविष्य में वो और बच्चे पैदा ना कर पाएं.
हजारों तक बढ़ गई है संख्या
थाईलैंड के कई जिलों को बंदरों की वजह से रेड ज़ोन में कन्वर्ट कर दिया गया है. कई कई जगहों पर तो सड़कों पर करीब तीन हजार तक बंदर नजर आते हैं. ऐसे में ये लोगों पर अटैक कर उन्हें घायल कर देते हैं. सबसे खतरनाक बात ये है कि इन बंदरों को डर भी नहीं लगता. ये इंसान के नजदीक आकर उनपर अटैक कर देते हैं. कई बार लोगों के हाथ से खाना और कई बेशकीमती चीजें भी छीन लेते हैं. बंदरों के काटने से इंसान को रैबीज हो सकता है. ऐसे में इनका काटना जानलेवा भी है.
गुस्सैल बंदरों से है खतरा
द थाइजर की रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड में बन्दर काफी गुस्सैल हो चुके हैं. इसकी वजह से ये आपस में भी लड़ते रहते हैं. इन्हीं स्थितियों को देखने के बाद थाईलैंड सरकार ने यहां बंदरों को नपुंसक बनाने के लिए उन्हें पकड़ना शुरू किया है. इसमें लोग भी सरकार की मदद कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि सरकार की इस पहल के कारण बंदरों की संख्या कम होगी, जिससे आगे टूरिस्ट्स के मन में देश में घूमने आने का भय कम होगा.
Next Story