जरा हटके

बंदर, इलाज के लिए खुद ही 3 बार आया अस्पताल, देखकर चौंक गए डॉक्टर

Manish Sahu
13 Sep 2023 5:38 PM GMT
बंदर, इलाज के लिए खुद ही 3 बार आया अस्पताल, देखकर चौंक गए डॉक्टर
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जरा हटके: एक बंदर एक अस्पताल में एक नहीं बल्कि तीन बार खुद ही इलाज करवाने के लिए पहुंचता है. यह देखकर अस्पताल में डॉक्टर चकित रह गए. उन्होंने बंदर के घावों को साफ किया और फिर उन पर पट्टी की. यह घटना बांग्लादेश के चटगांव में स्थित सीताकुंड उपजिला हेल्थ कॉम्लेक्स की है. हालांकि इलाज के बावजूद उस बंदर की मौत हो जाती है.
डेलीस्टार की रिपोर्ट के अनुसार, वह बंदर बिजली की लाइन पर बैठने के कारण जख्मी हो गया था. उसके घाव सड़ने लगे थे. जब वह बंदर अस्पताल में आया तो डॉक्टरों ने उसके घावों पर पट्टियां बांध दीं. एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें वह बंदर अस्पताल के पास एक खंभे पर बैठे हुए दिखता रहा है, उसके घायल अंगों पर पट्टियां बंधीं हुई दिखती हैं.
अस्पताल के डॉक्टर नूरुद्दीन रशीद ने बताया कि ‘जब मैं काम छोड़ने वाला था, तो मैंने घायल बंदर को अस्पताल की बालकनी पर बैठा देखा. बाद में, मैंने बंदर के घावों पर पट्टी बांधी और वह अस्पताल परिसर से चला गया. लेकिन ज्यादा देर नहीं हुई जब बंदर नई पट्टियां करवाने के लिए वापस आ गया. ऐसा उसने तीन बार किया. उस बंदर को दर्द हो रहा था और पीठ के कुछ घाव सड़ने लगे थे. बंदर को यह घाव बिजली का करंट लगने कारण हुए हो सकते हैं.’
दुख की यह बात है कि डॉक्टरों के लगातार 5 दिनों तक इलाज के बाद भी उस बंदर को बचाया नहीं जा सका. स्थानीय समाचार पत्रों ने बताया कि बंदर को वन्यजीव प्रबंधन और प्रकृति संरक्षण विभाग की ओर से दफनाया दिया गया है. यूएनबी की रिपोर्ट के अनुसार, चट्टोग्राम वाइल्ड लाइफ और बायोडायवर्सिटी रिजर्वेशन डिपार्टमेंट के ऑफिसर दीपान्विता भट्टाचार्य ने बंदर की मौत होने की पुष्टि की है.
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