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भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान कई यात्रियों के बैग, मोबाइल फोन, लैपटॉप और कई दूसरे सामान चोर और जेबकतरे चुरा लेते हैं
भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान कई यात्रियों के बैग, मोबाइल फोन, लैपटॉप और कई दूसरे सामान चोर और जेबकतरे चुरा लेते हैं. शिकायतों के बावजूद, इनमें से अधिकतर खोई या चोरी हुई चीजें कभी भी दोबारा नहीं मिलती हैं. लेकिन मुंबई में कई लोगों के लिए यह अविश्वसनीय था, जब गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) ने उनके चोरी हुए लैपटॉप, फोन और कैश लौटा दिए. GRP द्वारा लौटाए गए इन सामानों का कुल मूल्य 14 लाख रुपये है. इस आयोजन में 34 यात्रियों को उनके चोरी हुए सामान वापस मिल गए. सभी 34 यात्री अपना सामान वापस पाकर बेहद खुश थे.
सालों पहले खोए सामान को वापस पाने वालों में एक बिजनेसमैन सुरेश सांवलिया (Suresh Savaliya) भी थे. जिनकी साल 2007 में एक यात्रा के दौरान 22 ग्राम सोने की चेन और हैंडबैग चोरी हो गया था. जिसे पाने की उम्मीद भी उन्होंने छोड़ दी थी. पर उनके आश्चर्य का ठिकाना तब नहीं रहा जब 14 साल बाद, रेलवे पुलिस ने सुरेश को उनकी ज्वेलरी सौंप दी. रेलवे पुलिस सालों की तलाश के बाद आरोपी को पकड़ने में सफल रही. चोर एक जौहरी के साथ मिलकर कीमती धातुओं को चुराकर उन्हें पिघलाता और सोने के बिस्किट में बदल देता था.
एक और बिजनेसमैन श्रीपाल जैन, जिनका कंप्यूटर का बिजनेस है उनका चोरी हुआ फोन दो दिनों के भीतर ही ट्रैक कर लिया गया था. जैन ने कहा कि जब वह छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) लोकल ट्रेन में जा रहा था, तब उन्होंने पाया कि उनकी जेब मार ली गयी थी. पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने और सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद उनका फोन दो दिन में ही वापस मिल गया था.
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