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दुनिया में कई तरह के जीव-जंतु मौजूद हैं। हर किसी की अपनी खासियत है। हालांकि, समय के साथ कई जीव अब विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| दुनिया में कई तरह के जीव-जंतु मौजूद हैं। हर किसी की अपनी खासियत है। हालांकि, समय के साथ कई जीव अब विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। इन्हीं में से एक है चटख रंग के मेंढक। इस मेंढक की तस्करी काफी ज्यादा होती है। इन मेंढकों के पीठ पर पीले और काले रंग की धारियां होती है। दिखने में ये भले ही काफी खूबसूरत दिखें, लेकिन असल में ये काफी जहरीले होते हैं। इनका नाम है पॉइजन डार्ट। ये मेंढक पृथ्वी के सबसे जहरीले जीवों में से एक है। एक मेंढक के जहर से 10 लोगों की जान जा सकती है। लेकिन फिर भी इसे खरीदने के लिए करोड़ों खर्च करने को तैयार रहते हैं। मार्केट में इस 1 जहरीले मेंढक की कीमत डेढ़ करोड़ रुपए है।
कोलंबिया में पाया जाने वाला पॉइजन डार्ट मेंढक धरती के सबसे जहरीले जीवों में से एक है। इसका जहर सिर्फ तीन मिनट में मौत की नींद सुला सकता है। इसका साइज तो दो इंच का है लेकिन इसके जहर की दो बून्द आपकी जिंदगी ले सकता है।
ये मेंढक चमकीले और पीले रंग की धारी वाले होते हैं। इसके कलर की वजह से अन्य जानवरों का ध्यान इसकी और आकर्षित होता है। जब आकर्षित होकर वो मेंढक की तरफ आते हैं, तो अपनी मौत को गले लगा लेते हैं।
इन्हें कोलंबिया के वर्षा वनों में पाया जाता है। केरोलिना यूनिवर्सिटी के शोध पर यकीन करें, तो जो मेंढक ज्यादा चमकीले होते हैं वो उतने ज्यादा जहरीले होते हैं।
बात अगर इतिहास की करें, तो पहले इस मेंढक का इस्तेमाल शिकार के लिए हथियार बनाने को किया जाता था। इस मेंढक का जहर इतना खतरनाक है कि अगर इसे बिना ग्लव्स के छू दें, तो कुछ ही सेकण्ड्स में आपकी मौत हो सकती है।
इंसान की बॉडी के संपर्क में आने के बाद इसका जहर धीरे-धीरे इंसान की नब्ज सिकोड़ने लगता है। जिसपर इसका जहर चढ़ता है , उसका अपनी बॉडी मसल्स से कंट्रोल खो जाता है। अंत में उसे हार्ट अटैक आता है और उसकी मौत हो जाती है।
इतना जहरीला होने के बाद भी इन मेंढकों की तस्करी जोरो पर है। मार्केट में इस छोटे से जहरीले मेंढक की कीमत डेढ़ करोड़ रुपए है। लोग इन विलुप्त होते मेंढकों को खरीदने के फिराक में होते हैं।
अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि ये मेंढक इतने जहरीले क्यों होते हैं? 2014 में हुए एक अध्यन में ओहियो के केरोल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया था कि जब ये मेंढक अंडे होते हैं, तबसे ही इनकी बॉडी में जहर मौजूद होता है।
रिसर्च के मुताबिक, ये मेंढक चार से साढ़े चार अरब साल पहले दुनिया में आए थे। पहले वो जहरीले नहीं थे लेकिन बाद में जब ये चीटियां, कीड़े-मकौड़े खाने लगी, तब ये जहरीले बन गए।
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