जरा हटके
नींबू और सिरके को भी बना देता है मीठा, बदल देता है मुंह का स्वाद
Manish Sahu
20 Aug 2023 10:13 AM GMT
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जरा हटके: कहते हैं ना कि कुदरत से बड़ा जादूगर या चमत्कारी कोई दूसरा है ही नहीं. आपको एक से बढ़कर एक ऐसी चीज़ें कुदरती तौर पर बनी हुई मिल जाएंगी, जिनके बारे में जानकर किसी को भी आश्चर्य होगा. आज हम आपको एक ऐसी फल (मिरेकल फ्रूट ) के बारे में बताएंगे, जिसके गुण किसी जादू से कम नहीं हैं. कहां आप खट्टी चीज़ों पर नमक डालकर खाते हैं और कहां ये फल (सिंसेपालूम दुल्सिफिकुम) आपके मुंह के स्वाद को ऐसा बदल देता है कि सिरका और नींबू भी चीनी और शहद लगने लगता है.
इसे सिंसेपालूम दुल्सिफिकुम नाम से जाना जाता है. इस पौधे में आने वाली छोटी-छोटी अंगूर जैसी बेरीज़ की यही खासियत है कि ये खट्टी चीज़ को मीठा (फ्रूट मैक्स सावर टास्ते स्वीट) बना सकती हैं. पहली बार ये फल दुनिया के सामने 1968 में आया था.
इस फल में मिराकुलिन (मिरकुलीन प्रोटीन) नाम का प्रोटीन पाया जाता है, जो किसी भी स्वाद को बदलकर मीठा कर देता है. आप नींबू, कच्चा आम, सिरका या कुछ भी खा लें, इस फल को खाने के 60 मिनट के अंदर ये सब कुछ चाशनी जैसे मीठे लगने लगते हैं.
खट्टा भी हो जाता है मीठा!
दरअसल इस फल में मौजूद प्रोटीन (मिरकुलीन प्रोटीन) हमारी टेस्ट बड्स को बदल देता है. हम स्वाभाविक तौर पर जब कुछ खट्टा खाते हैं कि इसमें मौजूद pH हमारी जीभ पर मिराकुलिन को बांध लेता है और कुछ भी मीठा नहीं लगता. जब pH का स्तर कम होता है मिराकुलिन प्रोटीन के सक्रिय होते ही मीठा महसूस होने लगता है. जब मिराकुलिन प्रोटीन (मिरकुलीन प्रोटीन) ज्यादा होता है तो आप कुछ भी खट्टा खा लें, वो मीठा ही लगेगा. यही वजह है कि इस फल से मिराकुलिन प्रोटीन की टैबलेट्स भी बनाई जाती हैं जिससे मीठा स्वाद महसूस करने की क्षमता बढ़ जाती है.
ये फल अफ्रीका में ही पाए जाते हैं और इन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर भेजना आसान नहीं है क्योंकि फल के साथ एक मुश्किल ये है कि ये काफी जल्दी खराब हो जाते हैं. हां, रातोंरात अगर ये भेजे जा सकें, तभी सप्लाई किए जा सकते हैं. यही वजह है कि फल से बनाई गई मिराकुलिन टैबलेट्स को ही सप्लाई किया जाता है, हालांकि इसमें बेरीज़ (मिरेकल फ्रूट) का टेस्ट नहीं आ पाता. ये डाइट के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे चीनी की मात्रा भोजन में कम हो जाती है. दिलचस्प ये भी है कि फल को पकाते ही इसका टेस्ट खत्म हो जाता है.
Manish Sahu
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