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100वें जन्मदिन को बनाया ऐसे यादगार, घोड़ी पर सवार होकर पहुंचे दुल्हन लेने

Tulsi Rao
18 Feb 2022 3:04 PM GMT
100वें जन्मदिन को बनाया ऐसे यादगार, घोड़ी पर सवार होकर पहुंचे दुल्हन लेने
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अब हर जगह उन्हीं की चर्चा है. दरअसल ये उनका 100वां जन्मदिन था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर किसी की ख्वाहिश होती है कि वो अपना जन्मदिन यादगार मनाए. फिर चाहे जवान हो या बूढ़ा शख्स. हाल ही में एक वृ्द्ध शख्स ने तो अपने जन्मदिन को इतना यादगार बना दिया कि अब हर जगह उन्हीं की चर्चा है. दरअसल ये उनका 100वां जन्मदिन था.

100वें जन्मदिन पर की शादी
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपना 100वां इस अंदाज में सेलिब्रेट किया कि मामला सुर्खियों में छा गया. रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को मुर्शिदाबाद जिले (Murshidabad) के विश्वनाथ सरकार ने अपनी 90 वर्षीय पत्नी सुरोधवानी से दोबारा शादी की. यही उनका जिंदगी की सैंचुरी को सेलिब्रेट करने का अंदाज था.
यादगार बन गया 100वां जन्मदिन...
हिंदुस्तान टाइम्स ने बुजुर्ग युगल की बहू गीता सरकार के हवाले से कहा कि दोबारा शादी (पुनर्विवाह) कराने का विचार उन्हें तब आया जब कुछ महीने पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा ही देखा था. इसके बाद, मैंने यह आइडिया परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शेयर किया. फिर सभी ने इस प्लान को लागू करने में मेरा साथ दिया.
साल 1953 में हुई थी कपल की शादी
इस वृद्ध कपल की शादी साल 1953 में हुई थी. उनके बच्चे, पोते-पोतियां और परपोते दूसरे राज्यों में रहते हैं. हालांकि, शादी और जन्मदिन के जुड़वां अवसर में सम्मिलित होने के लिए सभी गांव आए हुए थे.
बाकायदा विदाई के बाद ही घर आई दुल्हन
बुजुर्ग कपल के पोतों में से एक पिंटो मोंडोल ने कहा, 'दुल्हन दूल्हे के परिवार में आती है. इसलिए, हमने उसी को ध्यान में रखकर योजना बनाई. भले ही हमारे दादा-दादी जियागंज (Jiaganj) के बेनियापुकुर गांव (Beniapukur) में रहते हैं. वैसे हमारा पुश्तैनी घर बामुनिया गांव (Bamunia) में है, जो लगभग 5 किलोमीटर दूर है. मेरी दादी को दो दिन पहले वहां ले जाया गया था.'
घोड़ी पर सवार होकर पहुंचे दुल्हन लेने
90 वर्षीय दुल्हन को तैयार करने में पोतियों ने मदद की. जबकि पोते ने 100 साल के दूल्हे को तैयार किया. विश्वनाथ, बुधवार को घोड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने बमुनिया गए. दूल्हे के पहुंचते ही आतिशबाजी की गई. इस मौके पर दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरों को फूलों का हार पहनाया. विश्वनाथ ने कहा कि मेरे बच्चों ने एक दावत भी रखी थी, जिसमें परिवार के लोगों और सभी पड़ोसियों को भी बुलाया गया था.


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