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Love Color: आखिर प्यार का रंग सिर्फ लाल ही क्यों होता है, ये है मनोवैज्ञानिक कारण

Tulsi Rao
26 Jun 2022 5:06 AM GMT
Love Color: आखिर प्यार का रंग सिर्फ लाल ही क्यों होता है, ये है मनोवैज्ञानिक कारण
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Why is Red the Colour of Love: दुनिया में कई रंग हैं. हर किसी का कोई न कोई रंग फेवरेट होता है. लेकिन कभी आपने नोटिस किया है कि जब भी प्यार का जिक्र होता है, तो हमें लाल रंग (Love Color Red) ही याद आता है. इसके साथ ही प्यार से जुड़ी हर चीज जैसे- गिफ्ट, फूल सब लाल रंग के ही होते हैं. प्यार के लिए सजना- संवरना हो या फिर प्यार के रंग को मांग में भरना हो. हर जगह केवल लाल रंग ही इस्तेमाल होता है. लेकिन लाल रंग को ही प्यार का सिंबल क्यों माना जाता है? हरे या नीले रंग को क्यों नहीं? आइए बताते हैं इसके पीछे का मनोवैज्ञानिक कारण.

काफी पुराना है इतिहास
आपको बता दें कि प्यार और लाल रंग का संबंध कोई नया नहीं है. इसका इतिहास काफी पुराना है. लाल रंग सदियों से प्यार का सिंबल बना हुआ है. ऐसा माना जाता है कि 13वीं शताब्दी में प्रसिद्ध फ्रेंच कविता रोमन डे ला रोज में कहा गया है कि एक बगीचे में लेखक लाल रंग का फूल ढूंढ रहा है. उसकी कविता में लाल रंग का फूल उसके जीवन में स्‍त्री प्रेम की तलाश है. इसके अलावा लाल रंग का प्रेम से संबंध भी है क्योंकि लाल रंग शारीरिक आकर्षण से जुड़ा हुआ है.
मनोवैज्ञानिक कारण
लाल रंग को एनर्जी से भरपूर रंग माना जाता है. ये रंग किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. अगर आपके सामने लाल रंग आ जाए तो आपकी नजर एक बार उसकी तरफ जरूर जाएगी. इसी मनोवैज्ञानिक कारण की वजह से लाल रंग को प्यार का सिंबल माना जाता है. इसके अलावा इंसान के शरीर में दौड़ता खून भी लाल ही होता है. ये जिंदगी का प्रतीक है
धार्मिक कारण
इसके अलावा लाल रंग का धार्मिक महत्व है. हिंदू धर्म में लाल रंग को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसलिए हर शुभ कार्यक्रम में लाल रंग के कपड़े पहने जाते हैं. शादी में सुहाग का जोड़े से लेकर सिंदूर लाल रंग का होता है.


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