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जानिए आखिर क्‍यों पैसेंजर प्‍लेन का रंग होता है सफेद

Gulabi
30 Aug 2021 12:10 PM GMT
जानिए आखिर क्‍यों पैसेंजर प्‍लेन का रंग होता है सफेद
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इस सवाल का जवाब लैशी स्मिथ ने दिया है जो एयरबस के साथ जुड़े हैं और अक्‍सर उनके आर्टिकल्‍स को लोग पसंद करते हैं.

जब कभी भी आप किसी प्‍लेन में बैठते हैं तो आपके दिमाग में अक्‍सर यह सवाल आता होगा कि आखिर ये पैसेंजर प्‍लेन हमेशा सफेद रंग में क्‍यों होते हैं? आपने कभी भी पैसेंजर प्‍लेन को किसी और रंग में नहीं देखा होगा और सभी हर एयरलाइन सफेद रंग का प्‍लेन ही अपने लिए चुनती है. आइए आपको आज इसकी वजह बताते हैं. वेबसाइट कोरा पर इस सवाल का जवाब लैशी स्मिथ ने दिया है जो एयरबस के साथ जुड़े हैं और अक्‍सर उनके आर्टिकल्‍स को लोग पसंद करते हैं.

किसी जमाने में काले होते थे प्‍लेन
लैशी ने जो वजह बताई है वो काफी दिलचस्‍प है और आज आपको प्‍लेन सफेद नजर आते हैं. मगर किसी जमाने में यह काले हुआ करते थे. सफेद रंग का प्‍लेन बहुत ही असाधारण माना जाता था. लैशी ने लिखा है, 'पुराने समय में बहु‍त सी एयरलाइंस जैसे पैन अमेरिकन एयरलाइंस, मैटल के बने काले रंग के प्‍लेन को चुनती थीं जिन पर कोई पेंट नहीं होता था.आज इस तरह के प्‍लेन नजर नहीं आते हैं.' उन्‍होंने बताया कहा कि अभी इन जेट्स को पूरी तरह से बाहर नहीं किया गया है.
इसलिए चुना गया मैटल प्‍लेन
सफेद रंग की जगह मैटल के प्‍लेन को क्‍यों चुना जाता था? जो जवाब लैशी ने दिया है वो कुछ इस तरह से है, 'यह इसलिए था क्‍योंकि अगर एयरक्राफ्ट पर कुछ टूट जाए या फिर कोई क्रैक नजर आए तो फिर पेंट किए हुए प्‍लेन पर आसानी से नजर नहीं आएगा. मगर मैटल के प्‍लेन पर ऑनबोर्ड कोई समस्‍या होती है तो उसे समझना और फिर उसे ठीक करना आसान होगा.'इन प्‍लेन को कुछ समय के बाद एयरलाइंस ने बाहर कर दिया था. मैटल के प्‍लेन को फिर सफेद रंग के प्‍लेन से रिप्‍लेस किया गया. स्मिथ के मुताबिक सफेद रंग की तुलना में ब्‍लैक पेंट बहुत ज्‍यादा खर्च होता था.
सूरज की रोशनी में साफ नजर आता
मैटल के प्‍लेन को अगर काले से रंग से पेंट किया जाता तो फिर बहुत ज्‍यादा पेंट खर्च होगा और ऐसा करने से प्‍लेन का वजन भी बढ़ जाएगा. बोइंग 747 जैसे प्‍लेन को रंगने में कई किलो पेंट लगता और फिर इसका वजन करीब 250 किलोग्राम तक बढ़ जाता. एयरलाइंस को लगा कि प्‍लेन का रंग जितना गहरा होगा, उसका वजन उतना ही ज्‍यादा होगा. इससे अलग सफेद रंग सूरज की किरणों को सही तरह से रिफलेक्‍ट कर सकता था. साथ ही एयरक्राफ्ट की लाइफ को बढ़ाने में भी मददगार था. जहां बाकी रंग उड़ जाते हैं, सफेद रंग हल्‍का नहीं पड़ता है.
कुछ एयरलाइंस के रंग-बिरंगे प्‍लेन
स्मिथ ने यह भी लिखा है कि हर एयरोप्‍लेन सफेद हो, ऐसा जरूरी नहीं है. उन्‍होंने बताया है कि नीदरलैंड्स की केएलएम नेशनल एयरलाइंस ने आज भी अपने एयरक्राफ्ट के टॉप पर हल्‍के नरले रंग से रंगा हुआ है. इसके अलावा साउथवेस्‍ट एयरलाइन जो दुनिया की सबसे पुरानी और बजट एयरलाइन है, हमेशा सुनहरे, नीले और लाल रंग के साथ उड़ान भरी है. साउथवेस्‍ट की शुरुआत सन् 1967 में हुई थी.
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