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जानिए क्यों कहा जाता है छत्रपति शिवाजी महाराज को 'गुरिल्ला युद्ध' का जनक?

Gulabi
3 April 2021 5:50 AM GMT
जानिए क्यों कहा जाता है छत्रपति शिवाजी महाराज को गुरिल्ला युद्ध का जनक?
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छत्रपति शिवाजी महाराज

मराठा साम्राज्य के महान शासक और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की आज 341वीं पुण्यतिथि (Chhatrapati Shivaji Maharaj 341st Punyatithi) है. ऐसे में आज हम आपको शिवाजी महाराज के बारे में कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं, जिसे संभवत: आप नहीं जानते होंगे. तो आइए जानते हैं शि‍वाजी के उन अनसुने पहलुओं के बारे में, जो उनकी शान में चार चांद लगाते हैं.


शिवाजी एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे. अपने जीवन काल में उन्होंने कई युद्धों को सीधे लड़ने के बजाय बच निकलने को प्राथमिकता दी थी. यही उनकी कूटनीति थी, जो हर बार बड़े से बड़े शत्रु को मात देने में उनका साथ देती रही.

मजबूत नौसेना का गठन
आपको जानकर हैरानी होगी कि शिवाजी पहले हिंदुस्तानी शासक थे, जिन्होंने नौसेना की अहमियत को पहचाना और एक मजबूत नौसेना का गठन किया. उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए तट पर कई किले बनाए जिनमें जयगढ़, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और अन्य स्थानों पर बने किले शामिल थे. शिवाजी एक सेक्युलर शासक थे और सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे. शिवाजी जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ थे. उनकी सेना में कई ऐसे मुस्लिम योद्धा थे जो बड़े पद पर मौजूद थे. इब्राहिम खान और दौलत खान उनकी नौसेना के खास पदों पर थे. सिद्दी इब्राहिम उनकी सेना के तोपखानों का प्रमुख था.

'गुरिल्ला युद्ध' का जनक
शिवाजी को माउंटेन रैट भी कहकर पुकारा जाता था, क्योंकि वह अपने क्षेत्र को बहुत अच्छी तरह से जानते थे और कहीं से कहीं निकल कर अचानक ही हमला कर देते थे और गायब हो जाते थे. जिस कारण उन्हें 'गुरिल्ला युद्ध' का जनक माना जाता था. शिवाजी ने भरोसा दिलाया कि वो दुश्मन सेना के सैनिकों के साथ बुरा व्यवहार नहीं करेंगे. संभव होगा तो अपनी सेना में उन्हें वही पद दिया जाएगा. पकड़ी गई किसी महिला को गुलाम की तरह नहीं रखा जाएगा. उन्हें इज्जत के साथ अपने घर भेजा जाएगा.
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