जरा हटके

जानें दवाओं की जादुई शक्ति के पीछे का राज

Gulabi Jagat
11 Jun 2022 1:56 PM GMT
जानें दवाओं की जादुई शक्ति के पीछे का राज
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अगर आपके शरीर में कहीं दर्द मेहससू होता है तो डॉक्टर आपको पेन किलर खाने कि लिए देते हैं. ये एक प्रकार की दवा होती हैं जिनसे दर्द गायब हो जाता है. मगर सवाल ये भी उठता है कि पेन किलर में ऐसा क्या होता है कि दर्द (How painkillers work) कुछ ही देर में खत्म हो जाता है. इस बारे में बेहतर ढंग से समझने के लिए आपको दर्द के बारे में समझता पड़ेगा. यानी दर्द काम कैसे करता है.
जब हमें चोट लगती है तो हमारे शरीर से सिग्नल सीधे ब्रेन (How do we feel pain) में जाता है जो हमें संदेश देता है कि हमें दर्द हो रहा है जिससे दर्द देने वाली चीज या परिस्थिति से हम दूर हट जाएं. इसी वजह से अगर हमारा हाथ किसी गर्म चीज पर पड़ जाता है तो हम हाथों को तुरंत हटा लेते हैं. दर्द होना इसलिए बेहद जरूरी क्योंकि दर्द हमें बताता है कि हमें चोट लगी है या फिर हम किसी खतरे में हैं.
दर्द को ऐसे कम करती हैं दवाएं
अब आते हैं अपने मुख्य सवाल पर. वो ये कि पेन किलर इस दर्द को खत्म कैसे कर देती हैं. द कन्वर्जन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार पैरासीटामॉल (Paracetamol) या फिर ब्रूफेन (Ibuprofen) जैसी दवाएं इस दर्द को खास तरह से कम करती हैं. जब हमें चोट लगती है तो हमारे शरीर में कई ऐसे केमिकल बनते हैं जो हमें दर्द का एहसास कराते हैं. ऐसे में चोट लगने वाली जगह पर शरीर ज्यादा खून पहुंचाने लगता है. इस खून में व्हाइट ब्लड सेल्स भी होती हैं जो चोट को भरने का काम करने में लग जाती हैं. इन व्हाइट ब्लड सेल्स (white blood cells) के साथ कई प्रमुख केमिकल भी चोट लगने वाली जगह तक पहुंचते हैं. इनमें से एक प्रमुख केमिकल का नाम है प्रोस्टाग्लैंडिग (prostaglandin). यही केमिकल दर्द और जलन पैदा करता है.
दिमाग और चोट लगने वाली जगह पर दवाएं करती हैं असर
पैरासीटामॉल या ब्रूफेन जैसी पेन किलर इसी केमिकल को शरीर में बनने नहीं देती हैं. जब आप इन दवाओं को खाते हैं तो ये धीरे-धीरे आपके खून में मिल जाती हैं और चोट लगने वाली जगह के साथ-साथ दिमाग में भी जाती हैं. दोनों ही जगहों पर ये दर्द को कम करने के लिए इस केमिकल को बनने से रोकती हैं जिससे दिमाग हमें ये सिग्नल नहीं करता कि हमें दर्द हो रहा है.
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