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जानिए कोयले से कैसे बनाते है बिजली?

Ritisha Jaiswal
15 Oct 2021 12:30 PM GMT
जानिए कोयले से कैसे बनाते है बिजली?
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दुनिया भर में विशाल पैमाने पर कोयले की कमी को महसूस किया जा रहा है। इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। देश

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया भर में विशाल पैमाने पर कोयले की कमी को महसूस किया जा रहा है। इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। देश के कई पावर प्लांट में महज कुछ ही दिनों का कोयला स्टॉक बचा हुआ है। ऐसे में संभावना ये जताई जा रही है कि जल्द ही एक विशाल पैमाने पर देश को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। बिजली उत्पादन की कमी से आने वाले वक्तों में कई दिक्कतों का सामना हम लोगों को करना पड़ेगा। इसका एक नकारात्मक प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। बिजली ना होने के कारण कई इंडस्ट्रीज थम सकती हैं। इसका सीधा असर देश के लाखों लोगों और उनकी आमदनी पर पड़ने वाला है। कोयला संकट की इस विकट परिस्थिति में आपके भीतर ये सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर कोयले से किस प्रकार से बिजली को बनाया जाता है? इसी कड़ी में आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने वाले हैं कि कैसे कोयला की सहायता से बिजली का उत्पादन कैसे किया जाता है?

सबसे पहले खदानों से मालगाड़ी या किसी अन्य साधनों की मदद से पावर प्लांट तक कोयले को मंगाया जाता है। कोयले को मांगाने के बाद उसको बारीक पाउडर के समान पीसा जाता है, ताकि उसका इस्तेमाल आगे के कार्यों के लिए किया जा सके।
पिसे हुए इस कोयले का प्रयोग बॉयलर के भीतर पानी को गर्म करने के लिए होता है। पानी जब काफी गर्म हो जाता है, तो वह एक हाई प्रेशर स्टीम के रूप में बदल जाता है। इस हाई प्रेशर स्टीम का इस्तेमाल टरबाइन को घुमाने के लिए किया जाता है।
हाई प्रेशर स्टीम के भाप से टरबाइन को काफी तेजी से घुमाया जाता है। ये टरबाइन जनरेटर से जुड़े हुए होते हैं। टरबाइन जब घूमते हैं, तो जनरेटर के भीतर मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होती है। इसी मैग्नेटिक फील्ड की मदद से बिजली बनती है और ग्रिड के सहारे उसे देश भर में पहुंचाया जाता है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है। उसके बावजूद देश को विशाल स्तर पर कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसका एक बड़ा कारण ये बताया जा रहा है कि बीते साल कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में कोयले का उत्पादन काफी कम कर दिया गया था, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ देश में मानसून सीजन के समय खूब बारिश हुई थी। ऐसे में कई खदानों के बंद होने की वजह से कोयला का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में नहीं हो सका।



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