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जानिए कैसे स्पेसएक्स का स्टारशिप प्रोजेक्ट बदलने वाला है स्वरूप

Ritisha Jaiswal
23 Sep 2021 11:38 AM GMT
जानिए कैसे स्पेसएक्स का स्टारशिप प्रोजेक्ट बदलने वाला है स्वरूप
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ये दशक स्पेस एक्सप्लोरेशन के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। नासा और स्पेसएक्स जैसी बड़ी संस्थाएं अंतरिक्ष में कई बड़े मिशन्स भेजने के लिए अपनी कमर कस चुकी हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ये दशक स्पेस एक्सप्लोरेशन के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। नासा और स्पेसएक्स जैसी बड़ी संस्थाएं अंतरिक्ष में कई बड़े मिशन्स भेजने के लिए अपनी कमर कस चुकी हैं। फिर चाहे बात आर्टेमिस मिशन की हो या मंगल की सतह पर पहले इंसान को उतारे जाने की। कहा जा रहा है कि ये दोनों ही बड़े मिशन्स इसी दशक में पूरे होंगे। ऐसे में आने वाले समय में स्पेसएक्स का स्टारशिप प्रोजेक्ट इन सब के बीच एक बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

इन बड़े मिशन्स को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए अंतरिक्ष में भारी मात्रा में कार्गो को पहुंचना होगा, जो एक खर्चीला और चुनौतीपूर्ण कार्य है। यहीं पर स्पेसएक्स का स्टारशिप प्रोजेक्ट एक निर्णायक भूमिका निभाएगा। स्पेसएक्स की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक ये काफी शक्तिशाली रॉकेट है, जो भारी मात्रा में लॉजिस्टिक की सप्लाई मिशन्स के लिए करेगा। इसके अलावा मंगल से जुड़े अभियानों में ये रॉकेट मील का पत्थर साबित होने वाला है। इसी सिलसिले में आइए जानते हैं कि कैसे एलन मस्क का स्टारशिप प्रोजेक्ट स्पेस एक्सप्लोरेशन का स्वरूप बदलने वाला है?
आपको बता दें कि आर्टेमिस या आने वाले मार्स मिशन में जो एस्ट्रोनॉट चांद या मंगल ग्रह पर जाएंगे, वो महज चंद घंटों का समय बिता कर वापिस पृथ्वी पर नहीं आने वाले हैं। एस्ट्रोनॉट लंबे समय तक वहां पर रुक कर चांद और मंगल ग्रह का अध्ययन करेंगे। ऐसे में उनको भारी मात्रा में कार्गो और लॉजिस्टिक की जरूरत पड़ेगी।
आपको बता दें कि आर्टेमिस या आने वाले मार्स मिशन में जो एस्ट्रोनॉट चांद या मंगल ग्रह पर जाएंगे, वो महज चंद घंटों का समय बिता कर वापिस पृथ्वी पर नहीं आने वाले हैं। एस्ट्रोनॉट लंबे समय तक वहां पर रुक कर चांद और मंगल ग्रह का अध्ययन करेंगे। ऐसे में उनको भारी मात्रा में कार्गो और लॉजिस्टिक की जरूरत पड़ेगी।
यहीं पर स्टारशिप रॉकेट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ये विशालकाय रॉकेट भारी मात्रा में लॉजिस्टिक को चांद और मंगल ग्रह की लाल सतह पर पहुंचाने का काम करेगा। ये रॉकेट एक साथ करीब 100 मीट्रिक टन कार्गो को अपने साथ अंतरिक्ष में आसानी से ले जा सकता है। इसकी ऊंचाई 394 फीट है। इस रॉकेट का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
साल 2024 में नासा के महत्वाकांक्षी आर्टेमिस मिशन में इसकी बड़ी भूमिका रहने वाली है। वहीं एलन मस्क का कहना है कि वे इसी दशक से मंगल ग्रह पर मानव बस्तियां बसाने की शुरुआत कर देंगे। इन सब के दरमियान स्टारशिप मुख्य केंद्र में रहने वाला है।

पिछले कुछ सालों में स्टारशिप के ऊपर कई काम हुए हैं। इसी वजह से इसका नाम दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेटों में शुमार है। आने वाले वक्तों में इस रॉकेट के ऊपर भी कई काम होंगे। मार्स को कॉलोनाइज करने के लिए भारी मात्रा में कार्गो की जरूरत होगी, तो अंदाजा ये लगाया जा रहा है कि जल्द ही स्टारशिप का अपग्रेडेड वर्जन भी सामने आ सकता है, जिसमें करीब 37 रेप्टर इंजन लगे होंगे। आने वाले समय में कई बड़े मिशन्स जो स्पेस को एक्सप्लोर करने के लिए जाएंगे, उसमें स्टारशिप रॉकेट का अहम योगदान होगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि एलन मस्क का महत्वाकांक्षी स्टारशिप प्रोजेक्ट भविष्य में स्पेस एक्सप्लोरेशन का स्वरूप बदलने वाला है।



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