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जानिए उस सबसे खतरनाक पक्षी के बारे में, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम है दर्ज
Ritisha Jaiswal
14 Jan 2022 1:18 PM GMT
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हर किसी को पक्षी पसंद होते हैं। आसमान में उड़ते हुए देखना और इनकी आवाज सुनना हर किसी को पसंद होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर किसी को पक्षी पसंद होते हैं। आसमान में उड़ते हुए देखना और इनकी आवाज सुनना हर किसी को पसंद होता है। वैसे तो पक्षियों की प्रजातियां बहुत सारी होती हैं। हर पक्षी अपने आप में खास होता है। किसी की आवाज मधुर होती है तो किसी का रंग शानदार होता है। कोई शांत पक्षी होते हैं तो कोई हिसंक भी होते हैं। मगर, एक ऐसा पक्षी भी है जो समय आने पर किसी की जान भी ले सकता है। अगर उसे ये लगता है कि किसी इंसान या अन्य प्राणी से उसको जान का खतरा है, तो वो अपनी आत्मरक्षा में उसपर जानलेवा हमला भी कर देता है। ये पक्षी इतना खतरनाक है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसको सबसे खतरनाक पक्षी का खिताब इसके नाम दर्ज है। आइए जानते हैं कि इस पक्षी का क्या नाम है और ये कहां पाया जाता है -
इस पक्षी का नाम कैसोवेरी है और इसके पैर के पंजे किसी खंजर से कम नहीं होते हैं। इस पक्षी के पैरों के अंगूठों में अंदर की तरफ छुरे जैसा एक पंजा होता है जो इतना खतरनाक होता है कि जिससे ये किसी इंसान का पेट तक चीर सकता है। जब ये पक्षी आक्रामक हो जाता है तो ये सीधे अपने पंजों से हमला करके अपने दुश्मन को परास्त कर सकता है।
ये पक्षी ऑट्रेलिया और पश्चिमी अफ्रीका के गिनी देश में पाए जाते हैं। इस पक्षी के शरीर के ऊपर नीले रंग के धब्बे होते हैं। मादा कैसोवेरी का औसत वजन 59 किलोग्राम और नर कैसोवेरी का वजन 34 किलोग्राम तक हो सकता है। ये पक्षी अपने परिवार के साथ रहना पसंद करता है। इन्हें तैरना बहुत अच्छे तरीके से आता है और ये मछली खाते हैं। इन्हें पानी के आस-पास रहना पसंद होता है।
इनकी आंखे बहुत खतरनाक होती हैं। इन्हें देखने पर हमेशा ऐसा लगता है कि ये कभी भी हमला कर सकती हैं। इनके सिर पर एक केस्कूय होता है जो देखने में किसी मुकुट जैसा लगता है। दरअसल, ये केस्कूय इनके सिर पर चोट लगने से बचाता है। इस पक्षी के इतना हिंसक होने के बाद भी पुराने जमाने में लोग इसे मांस और पंखो के लिए पालते थे। मगर, ये पक्षी कबूतर या मुर्गोयों की तरह छोटा या पालतू नहीं,बल्कि आकार में बड़ा और हिंसक होता है। ये अपने अंडों के आस-पास भी किसी को आने नहीं देता है।
ये अपने अंडों की रक्षा के लिए घोंसलों को भी छोड़कर कहीं नहीं जाते हैं। जब तक इनके बच्चे अंडों से बाहर नहीं आ जाते तब तक ये ज्यादा खाना भी नहीं खाते हैं। हालांकि, फिर भी शिकारी इनका शिकार कर ही लेते हैं। वर्तमान में कैसोवेरी पक्षियों को पपाया न्यूगिनी में उनके पंखों के लिए पाला जाता है। इनके अंडों को नेशनल फ़ूड का भी दर्जा मिला है।
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Ritisha Jaiswal
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