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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Train Coach Number: अमीर से गरीब तक और समृद्धि से निर्धन तक के लोगों को भारतीय रेलवे ने सालों से सुविधा पहुंचाई है और उन्हें सुविधाजनक सफर प्रदान किया है. बच्चों से बड़ों तक को ट्रेन में सफर करने में बड़ा ही मजा आता है. कई बार हम कुछ ट्रेन से जुड़े हुए फैक्ट्स सुनते हैं लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्ट के बारे में बताने वाले हैं जो कि बहुत ही ज्यादा अलग है. कई बार लोग सोचते होंगे की ट्रेन का जो कोच होता है उसके ऊपर वह यूनिक कोड क्या लिखा होता है. ज्यादातर लोगों को उस कोड का मतलब पता नहीं चलता है.
खान सर ने वीडियो शेयर कर बताया कोच का महत्व
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हर ट्रेन के कोच पर कुछ नंबर लिखे हुए होते हैं जो कि काफी बड़े-बड़े नजर आते हैं और हर किसी को नजर आ जाते हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को इसका मतलब पता होता है. बता दें कि इन नंबरों को कोच नंबर कहते हैं. यह अंक लगभग 5 होते हैं. आज से कुछ साल पहले ही सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध टीचर खान सर ने एक वीडियो शेयर की थी जिसमें इस नंबरों से जुड़ी हुई जानकारी उन्होंने प्रदान की थी.
क्या है इन अंको का अर्थ?
खान सर की मानें तो 5 डिजिट के इस नंबर को कोच नंबर कहा जाता है और शुरुआत के 2 अंक साल को दर्शाने वाले होते हैं. यानी कि दो नंबर यह दर्शा देते हैं कि किस साल में यह कोच का निर्माण किया गया था. इतना ही नहीं इस संख्या के आखिरी जो 3 अंक होते हैं वह प्रकार को दर्शाने वाले होते हैं अर्थात किस तरह का वह कोच है. उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि किसी भी कोच पर लिखा हुआ है 04052 तो इसका मतलब होता है कि वह साल 2004 में बनाया गया है और आखिरी के 3 अंक यानी कि 054 का मतलब होता है कि वह एसी वाले कोच हैं. आपको बता दें कि 1-200 अंक वाले नंबर की संख्या एसी कोच बताई जाती है. इसीलिए अगर 5 अंको में से आखिरी के 3 अंक 200 के अंतर्गत होते हैं तो वह एसी कोच माना जाता है.
अंको के अनुसार कोच खान सर ने वीडियो शेयर कर बताया, कोच का महत्व, क्या है इन अंको का अर्थ, Khan sir shared the video and told, importance of coach, what is the meaning of these numbers
के प्रकार
लेकिन अगर आप के कोच के आखिरी 3 अंक 200-400 के बीच में होते हैं तो वह स्लीपर कोच बताया जाता है. वहीं दूसरी तरफ 400-600 के बीच अंक वाले कोच जनरल कोच माने जाते हैं. 700-800 अंक वाले कोच को सिटींग कम लगेज कोच बताया जाता है. इसका अर्थ हुआ कि आधा हिस्सा लगेज यानी सामान रखने के लिए है और आधा हिस्सा बैठने के लिए. साथ ही इस तरह के कोच को अधिकतर विकलांग श्रेणी में दे दिया जाता है. साथ ही 800 से ऊपर वाले अंक का अर्थ है कि वो या तो मेल भेजने के लिए होता है वरना पैंट्री कार और या फिर जनरेटर कुछ बताया जाता है.
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