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पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले की सड़कों पर कंगारुओं को घूमते हुए कुछ लोगों ने देखा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले की सड़कों पर कंगारुओं को घूमते हुए कुछ लोगों ने देखा. ट्विटर पर इसका एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है. कंगारू ऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया और न्यू गिनी को छोड़कर दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते हैं, इसलिए उन्हें भारत की सड़कों पर देखकर कई लोग दंग रह गए. कई लोग चिंतित थे कि ये जानवर अपने प्राकृतिक आवास से हजारों मील दूर कैसे चले आए. समाचार एजेंसी एएनआई ने पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की सड़कों पर घूमते हुए कंगारुओं की कई तस्वीरें साझा कीं.
तस्वीरों और वीडियो ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया कि आखिर भारत में कहां से आए. कई लोगों ने अनुमान लगाया कि ये जानवर किसी चिड़ियाघर से भाग गए होंगे, जबकि अन्य ने दावा किया कि उनकी तस्करी की जा रही होगी.
आईएफएस अधिकारी ने ट्वीट करके कही यह बात
इस बीच, IFS अधिकारी प्रवीण कासवान ने ट्विटर पर दावा किया कि जानवरों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'वे (कंगारू) इस क्षेत्र के किसी भी चिड़ियाघर में मौजूद नहीं हैं. वे तस्करी का हिस्सा हैं. हालांकि, उन्हें बाद में जब्त कर लिया गया. जानवरों की सुरक्षा के लिए उन्हें चिड़ियाघर में रखा गया है. पिछले महीने भी दो लोगों को एक कंगारू के साथ गिरफ्तार किया गया था.'
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में दिखाई दिए थे कंगारू
वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी से तीन कंगारुओं को बचाया. अधिकारियों को सिलीगुड़ी के पास एक कंगारू बच्चे का शव भी मिला. बैकुंठपुर वन प्रभाग के तहत बेलाकोबा वन रेंज के रेंजर संजय दत्ता ने कहा, 'कंगारुओं के शरीर पर कुछ गंभीर चोटें थीं और उन्हें आगे के इलाज के लिए बंगाल सफारी पार्क भेज दिया गया है. मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है.'
Got this on WhatsApp. It looks like fled away from Zoo...anyone know the reality@IndiAves @ParveenKaswan pic.twitter.com/4WWWYwPVVQ
— Sudhakar Kumar (@MyPicsSpeaks) April 2, 2022
मामला तूल पकड़ने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने अपने बयान में क्या कहा?
रेंजर संजय दत्ता ने कहा, 'हमने इन कंगारुओं के ठिकाने का पता लगाने के लिए आगे की जांच शुरू की है, उन्हें किसके द्वारा और कैसे जंगल में लाया गया, साथ ही उन्हें लाने के पीछे का कारण क्या है. इसका भी पता लगाया जाएगा.' एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, 'बचाए जाने के बाद, तीनों कंगारुओं को इलाज के लिए भेजा गया था. हम हैरान हैं कि इन कंगारुओं को यहां कौन और कैसे लाया. हमें संदेह है कि इन कंगारुओं को नेपाल में तस्करी कर लाया जा रहा था. लेकिन हम तस्करी के पीछे के मकसद की भी जांच कर रहे हैं.'
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