जरा हटके
जैकेट्स के कंधे पर पट्टियां लगी होती हैं,पट्टी का असली काम जानकर दंग हैं लोग
Kajal Dubey
12 Dec 2021 2:07 AM GMT
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दुनिया में हमेशा ही नए-नए डिजाइन के कपड़े बनाए जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में हमेशा ही नए-नए डिजाइन के कपड़े बनाए जाते हैं और अलग-अलग डिजाइन के कपड़े पहनने का शौक रखने वालों के कारण ही फैशन इंडस्ट्री तरक्की करती है. हमारे कपड़ों में कई ऐसी चीजों होती हैं जिनको बनाने के पीछे खास कारण होता है लेकिन अक्सर हम उनके बारे में नहीं जानते. आपने गौर किया होगा कि अक्सर जैकेट्स के कंधे पर पट्टियां (Why Are Straps Made of Shoulder of Jacket?) लगी होती हैं जो बटन के जरिए बंद रहती हैं या फिर सिली रहती हैं. आप को लग सकता होगा कि वो सिर्फ फैशन के लिए होता है मगर ऐसा नहीं है. उस पट्टी (Use of Shoulder Strap in Jackets and Shirts) का भी महत्वपूर्ण काम है जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे.
चलिए आपकी इस दुविधा का अंत करते हुए हम आपको बताते हैं कि ये पट्टियां क्यों होती हैं. दरअसल, ये पट्टियां बैगा या पर्स के स्ट्रैप (Shoulder Straps Use to Hold Purse and Bags in place) को कंधे पर टिकाने में मदद करती हैं. इस वजह से ये पट्टियां हमेशा ही एक बटन के सहारे बंद की जाती है जिससे बैग या पर्स टांग लेने के बाद इन्हें बटन से बंद कर दिया जाए और फिर पर्स का स्ट्रैप (Shoulder Strap use in clothes) अपनी जगह से जरा भी ना खिसके.
सोशल मीडिया पर जैकेट्स के कंधे पर पट्टियां लगी होती हैं,पट्टी का असली काम जानकर दंग हैं लोग
कुछ वक्त पहले सोशल मीडिया पर भी जब इस स्ट्रैप को लेकर चर्चे शुरू हुए तो लोगों ने अलग-अलग तरह के अंदाजे लगाए लेकिन जब इस पट्टी के काम का खुलासा हुआ तो हर कोई दंग रह गया. कई लोगों ने तो यहां तक लिख दिया कि हमारी इतनी जिंदगी गुजर गई मगर हमें आज तक इस बारे में नहीं पता था कि से पट्टियां किस काम आती हैं. हालांकि पता ना होने के कारण कई लोग इसे बैग पहनने के लिए इस्तेमाल नहीं करते. लुक में कूल लगने के कारण कई बार तो डिजाइनर इन पट्टियों को जैकेट या शर्ट के कंधे पर बनाते हैं मगर फिर उसे सिल देते हैं. इससे इसका असली काम सिद्ध नहीं हो पाता और ये सिर्फ डिजाइन की एक चीज बनकर रह जाती है.
पुराने समय से बनाई जा रही है पट्टियां
सोशल मीडिया पर तो कई लोगों ने ये भी दावा किया है कि पुराने समय में चलते वक्त सैनिक अपनी बंदूकों की स्ट्रैप को इस पट्टी में फंसा लेते थे जिससे वो बार-बार उनके कंधे से गिरती नहीं थीं. इसी पट्टी पर सैनिकों के तमगे भी लगाए जाते थे जो उनकी रैंक बताते थे. ये प्रथा आजतक चली आ रही है और आर्मी से लेकर पुलिस तक की यूनीफॉर्म पर ये पट्टियां बनी रहती हैं.
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