जरा हटके

जलाने या दफनाने के बजाय हवा में 'लटकते है यह अपनों के शव को, जानें इस अजीबोगरीब जगह के बारे में

Ritisha Jaiswal
28 Aug 2022 4:24 PM GMT
जलाने या दफनाने के बजाय हवा में लटकते है यह अपनों के शव को, जानें इस अजीबोगरीब जगह के बारे में
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दुनिया में हर समाज और समुदाय की अपनी प्रथाएं और रीति-रिवाज़ होते हैं. इ

दुनिया में हर समाज और समुदाय की अपनी प्रथाएं और रीति-रिवाज़ होते हैं. इन परंपराओं के आधार पर ही समाज जन्म से मृत्यु तक के कर्मकांड करता है. हालांकि कुछ जगहों पर ये परंपराएं इतनी अजीबोगरीब होती हैं कि कई बार आप सुनकर ही हैरान रह जाते हैं. खास तौर पर बात जनजातियों की करें, तो उनके कुछ रिवाज़ वाकई हमारे समाज और रीति-रिवाज़ों से बिल्कुल ही अलग होते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक समाज में होने वाले अंतिम संस्कार (Weird Cremation Traditions) के बारे में बताएंगे.

मृत्यु के बाद व्यक्ति का अंतिम संस्कार उसके धर्म और परिवेश के मुताबिक अलग-अलग तरीके से किया जाता है. कोई शव को जला देता है, तो कोई दफन कर देता है. लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जिसमें इंसानी शव को ताबूत में रखकर ऊंचो पहाड़ों की चोटियों पर लटका दिया जाता है. ये हमारे-आपके लिए अजीब हो सकता है लेकिन प्राचीन मिस्र के लोगों ने इस अनोखी प्रथा को शुरू किया, जिसके निशान आज भी मौजूद है.
हवा में 'लटके' हुए हैं अपनों के शव
'हैंगिंग कॉफिन' यानि लटकते हुए ताबूत का इतिहास करीब 3 हजार साल पुराना बताया जाता है. चीन में यांग्त्ज़ी नदी के पास मौजूद पहाड़ों पर आज भी लटकते हुए ताबूत दिख जाते हैं. हालांकि इनकी संख्या कम हो चुकी है लेकिन कई ताबूत अब भी संरक्षित हैं. इसकी शुरुआत फ़ुज़ियान प्रांत से मानी जाती है, जिसे मिंग वंश के 'बो समुदाय' ने अपनाया. 'बो समुदाय' के लोगों का मानना था कि ऐसा करने से उनके मृत पूर्वज आसानी से प्रकति में वापस लौट जाते हैं. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि वो अपनों को खुद से दूर नहीं करना चाहते तो कुछ मानते हैं कि ऊंचाई को स्वर्ग के नज़दीक मानकर उन्हें ऊंचाई पर रखा जाता था.
कैसे टांगे जाते होंगे ताबूत ?
सदियों बाद भी लटकते हुए ताबूतों को देखकर लगता है कि आखिर इन्हें इस तरह कैसे टांगा गया होगा. एक 7 फीट के ताबूत का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि ताबूत को बनाने के लिए ननमु नाम की खास लकड़ी का इस्तेमाल होता था. इस लकड़ी की विशेषता ये थी कि ये शरीर के अपघटन को रोकती थी. ताबूतों में शवों के साथ कुछ ज़रूरी सामान भी रखा जाता था. ऐसे में 60-70 किलो के ताबूत को रस्सियों के के सहारे इन्हें लटकाया जाता था. या तो इन्हें बीम के सहारे लटकाया जाता था या फिर छोटी-छोटी गुफाओं में रख दिया जाता था. इसके अलावा चट्टानों में बनी दरारों के सहारे भी इन्हें लटकाते थे. वैसे चीन के अलावा इंडोनेशिया और फिलीपींस में भी लटके हुए ताबूत दिख जाते हैं


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