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लापरवाही कभी भी अच्छी नहीं होती. चाहे आप गाड़ी चलाने में लापरवाही करें या किसी और काम में, उसका अंजाम अच्छा नहीं होता
लापरवाही कभी भी अच्छी नहीं होती. चाहे आप गाड़ी चलाने में लापरवाही करें या किसी और काम में, उसका अंजाम अच्छा नहीं होता. खासकर लोग बीमारियों को लेकर लापरवाही कर देते हैं, जो आगे चलकर उनपर भारी पड़ जाता है. सोशल मीडिया पर कर्णाटक में रहने वाले नागेश ने अपनी ऐसी ही लापरवाही लोगों के साथ शेयर की. नागेश (Nagesh) ने लोगों को आगाह किया कि जो गलती उसने की, वो और कोई आगे ना करे. नागेश पिछले तीन साल से Lymphedema Elephantiasis से पीड़ित है. इसे हाथी पांव भी कहते हैं. नागेश की एक लापरवाही के कारण अब वो चल-फिर भी नहीं पा रहा है.
अपनी बीमारी के बारे में नागेश ने बताया कि शुरुआत में उसके पैर में सिर्फ एक छोटी सी गांठ थी. ये गांठ आंखों से दिखाई नहीं देती थी. सिर्फ छूने पर ही पता चलता था कि पैरों में गांठ जैसी कोई चीज है. चूंकि नागेश का बचपन सड़कों पर ही बीता था, उसने इसे कुछ ख़ास महत्व नहीं दिया. इसका अंजाम ये हुआ कि धीरे-धीरे इस गांठ ने विकराल रूप धारण कर लिया. अब नागेश का पैर इतना फूल गया है कि वो खड़ा तक नहीं हो पाता है. डॉक्टर्स ने साफ़ कह दिया है कि सर्जरी के बिना अब उसकी हालत ठीक नहीं हो सकती है.
अब एक कदम भी चल नहीं पाता है शख्स
2018 में अचानक ही नागेश के पैर में गांठ पड़ी थी. उसने कहा कि गरीबी में एक टाइम का खाना भी नसीब नहीं होता था. ऐसे में डॉक्टर के पास जाना पैसे की बर्बादी लगती थी. लेकिन इस लापरवाही का भयानक अंजाम देखने को मिला. कुछ ही समय में नागेश चलने से लाचार हो गया. किसी ने उसकी मदद नहीं की. सड़क के किनारे ही वो पड़ा रहता था. एक NGO की मदद से नागेश को रहने के छत मिली. हर बीतते दिन के साथ नागेश की हालत खराब होती जा रही है. ऐसे में अब नागेश ने लोगों से मदद मांगी है.
नागेश ने लोगों से मदद की अपील की है
डॉक्टर्स के मुताबिक़, नागेश के इलाज में करीब 30 लाख रुपए का खर्च है. चूंकि नागेश अपने इलाज का खर्च नहीं उठा सकता है इसलिए NGO उसके लिए फंड जमा कर रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि इलाज के बाद नागेश की हालत सुधर जाएगी. लोग भी सामने आकर नागेश की मदद कर रहे हैं. ऐसे में नागेश को भी उम्मीद बंधने लगी है कि वो जल्दी ठीक हो जाएगा.
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