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मंदिर में प्रसाद की जगह चढ़ाए जाते हैं जूते-चप्पल
देशभर में कई फेमस हिंदू मंदिर प्रचलित हैं. जहां अलग-अलग परंपराएं प्रचलित हैं. मंदिरों में देवी-देवता की पूजा के लिए कई तरह की समाग्री चढ़ाई जाती है. साथ ही उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. लेकिन भारत में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां श्राद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जूते-चप्पल की माला पहनाते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर में श्रद्धालु ऐसा क्यों करते हैं. ऐसा करने के पीछे क्या है परंपराएं. कहां से हुई इसकी शुरुआत. आइए जानें.
यहां होता है फुटवियर फेस्टिवल
भारत के कर्नाटक राज्य में गुलबर्ज जिले में स्थित लकम्मा देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है. जहां पर हर साल फुटवियर पेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. इस फेस्टिवल में दूर-दराज के गावों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां माता को चप्पल चढ़ाने के लिए जाना जाता है. कहते हैं कि कर्नाटक का ये मंदिर इस अजीबोगरीब रीति-रिवाज को लेकर जग प्रसिद्ध है.
ऐसा करने से होती हैं मन्नतें पूरी
कर्नाटक का लकम्मा देवी मंदिर यहां के फूटवियर फेस्टिवल के लिए फेसम है. इस फेस्टिवल का आयोजन यहां हर साल दिवाली के छठे दिन किया जाता है. यहां परंपरा है कि मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर मन्नतें पूरी करने के लिए लोग यहां पर जूते-चप्पल टांगते हैं. ऐसा करने से घुटनों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इतना ही नहीं, बुरी शक्तियां भी दूर रहती हैं.
- इस मंदिर को लेकर एक और अजीब परंपरा यहां फेमस है. यहां पर मंदिर में मांसाहारी और शाकाहारी व्यंजनों का भोग भी लगाया जाता है.
- लकम्मा देवी मंदिर को लेकर एक और बात प्रसिद्ध है कि यहां मनोकामना पूर्ति के लिए न सिर्फ हिंदू बल्कि मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग भी पहुंचते हैं.
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