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किसी भी देश में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा का जिम्मा ट्रेंड कमांडो या आर्मी का होता है
आमतौर पर आपने देखा होगा कि किसी भी देश में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा का जिम्मा ट्रेंड कमांडो या आर्मी का होता है. ये भवनों की सुरक्षा इतनी तगड़ी होती है कि वहां पर परिंदा भी पर नहीं मर सकता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के अबरे में बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के राष्ट्रपति भवन की रक्षा खुद परिंदे करते हैं, जिसकी एक खास वजह है.
जी हां बात कर रहे हैं रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन (Kremlin) तथा उसके आसपास मौजूद प्रमुख सरकारी इमारतों की. इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बाज और उल्लुओं की एक टीम द्वारा की जाती है. शिकारी परिंदों की यह टीम साल 1984 से राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में डटी हुई है. इन बाजों और उल्लुओं को सुरक्षा के लिहाज से खास तरह की ट्रेनिंग दी गई है.
क्या है इसके पीछे का मकसद
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस टीम को बनाने के पीछे कारण किसी दुश्मन की शातिर चालों को नाकाम करना नहीं बल्कि कौओं व अन्य पक्षियों के बीट व मूत्र और अन्य गंदगी से राष्ट्रपति भवन और वहां बनी सरकारी इमारतों को इस नुकसान और गंदगी से बचाना है.
जिसके लिए बाजों और उल्लुओं को तैनात किया गया है. ये कौओं को देखते ही उन पर आक्रमण कर देते हैं और उन्हें दूर भगा देते हैं. इन परिंदों को रखने पीछे मकसद सिर्फ कौओं से छुटकारा पाना ही नहीं है, बल्कि उन्हें इमारतों से दूर रखना है ताकि वे यहां अपना घोंसला न बना सकें.
राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में तैनात परिंदों की टीम में 20 साल की एक मादा बाज 'अल्फा' और 'फाइल्या' नाम का उल्लू है. ये दोनों इतने तेज है कि कौओं की आवाज सुन कर ही पलभर में उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं. जहां दुनिया के हर देश के राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में ट्रेंड कमांडो को लगाया जाता है वहीं रूस में सुरक्षा के लिए बाज और उल्लू दिखना थोड़ा यूनिक लगता है.
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