एक ऐसे देश, जहां संभालकर रखी जाती है नवजात बच्चों की नाल, जानिए अजीबोगरीब रिवाज
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। किसी भी परिवार में बच्चे का जन्म होना खुशियों से भरा होता है। नौ महीने का इंतजार करने के बाद जब मां शिशु को गोद में लेती है, तो पूरी दुनिया की खुशियां उसे मिल जाती हैं। हालांकि, परिवार के लोगों में इस खास मौके का जश्न मनाने का अंदाज भी अलग-अलग तरह का होता है। दुनियाभर के कई समुदायों में बच्चे का जन्म होने पर अजीबोगरीब रस्में भी निभाई जाती हैं। इन रस्मों को मनाने वाले लोग विकसित देशों में भी हैं। ऐसी मान्यता है कि रस्मों को निभाने से बच्चे को आने वाली सारी परेशानियों से बचाया जा सकता है।
चीन में बच्चे का जन्म होने के बाद मां को पूरे 30 दिन तक परिवार से अलग रहना होता है। इन 30 दिनों तक नई मां ना ही घर से बाहर निकल सकती है और ना ही कच्चे फल खा सकती है। इतना ही नहीं नई मां को नहाने की भी मनाही होती है।
बता दें कि चीन में इस रस्म का इतिहास लगभग 2000 साल से भी अधिक पुराना है। चीनी भाषा में इस महीने को Zuo yuezi कहते हैं।
बता दें कि नाइजीरिया और घाना में मां की गर्भनाल जो बच्चे से जुड़ी होती है, उसके लिए शोक मनाने का रिवाज है। अफ्रीकन देशों में प्लेसेंटा यानी गर्भनाल को बच्चे का जुड़वा भाई या बहन माना जाता है और बाकायदा पूरी रस्मों के साथ उसे दफनाया जाता है। दफनाने की प्रक्रिया एक पेड़ के नीचे होता है।
जापान में भी बच्चे की गर्भनाल का बहुत महत्व है। यहां मान्यता है कि गर्भनाल एक मां से जुड़ा प्रतीक है। ऐसे में इसे सम्मान मिलना चाहिए। इसी वजह से बच्चे के जन्म होने के बाद गर्भनाल को फेंका नहीं जाता है, बल्कि लाख के डिब्बों में सहेजकर रखा जाता है। जापानी भाषा में इसे heso-no-o यानी पेट की पूंछ कहते हैं।
इंडोनेशिया के द्वीप बाली में भी बच्चे का जन्म होने पर एक बहुत अजीबोगरीब रस्म निभाई जाती है। इस रस्म के मुताबिक, बच्चे को पहले 3 महीने जमीन को छूने भी नहीं देना है और किसी तरह से जमीन के संपर्क में भी नहीं आना है। ऐसे में मां बच्चे को पूरे समय गोद में या बिस्तर पर रखे रहती है। इस रस्म को लेकर मान्यता ये है कि जमीन से दूर रखकर बच्चे का दूसरी दुनिया से संपर्क बना रहता है।