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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। IIT Village of Bihar: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पढ़ना लगभग हर बच्चे का सपना होता है. देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक IIT निकालने के बाद नौकरी मिलना तय माना जाता है. इसकी परीक्षा भी काफी कठिन होती है जिसे पास करना सबके बस की बात नहीं है. बच्चे इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं और पहले से ही तैयारी करते हैं तब जाकर कहीं वे यह परीक्षा पास कर पाते हैं. लेकिन भारत देश के बिहार में एक गांव ऐसा भी है जहां के हर घर से बच्चे आईआईटी में चुने जाते है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सिलसिला साल 1996 से चल रहा है.
बिना कोचिंग के करते हैं तैयारी
बिहार के गया जिले का पटवाटोली गांव आईआईटीयन्स के गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव से हर साल करीब एक दर्जन बच्चे आईआईटी की प्रतियोगिता परीक्षा पास करते हैं और उन्हें देश के इस प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई करने का मौका मिलता है. जानकारी के मुताबिक, ये बच्चे बिना कोचिंग की मदद के ही यह परीक्षा पास करते हैं.
आईआईटी के सीनियर्स करते हैं मदद
बच्चे गांव की ही लाइब्रेरी की मदद से तैयारी करते हैं. यह लाइब्रेरी यहां के ही युवाओं की ओर से चलाई जाती है जिसके लिए कोई फीस नहीं ली जाती है. साथ ही यहां के जो लोग आईआईटी में पढ़ाई कर चुके हैं या पढ़ रहे हैं वे भी अपने गांव के इन बच्चों को ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाते हैं. IIT में पढ़ रहे बच्चों से मदद मिलने के बाद यहाँ के बच्चों के लिए आईआईटी की परीक्षा निकालना थोड़ा आसान हो जाता है. बता दें कि यहाँ के बच्चों का आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में हर साल अच्छा प्रदर्शन रहता है साथ ही कई बच्चों का सेलेक्शन भी होता है, इसलिए इस गांव को 'IIT गांव' भी कहा जाता है.
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