
क्या घर में कुत्ता पालना (Pet Dogs) खतरनाक हो सकता है. पिछले दो तीन दिनों से यह बहस देशभर में चल रही है. लखनऊ में पिट बुल कुत्ते (Pit Bull) ने अपने मालकिन को जिस बेरहमी से नोच नोच कर मार डाला , तभी से यह बहस चल रही है. इस विषय पर दोनों पक्षों के अपने अपने तर्क हैं. जहां कुछ लोग केवल पिटबुल को ही खतरनाक मान रहे हैं, वहीं कुत्ते पालने का विरोध करने वाले भी अपने तर्कों के साथ बहस में शामिल हैं. इसी बीच एक अध्ययन से पता चला है कि जिस मोहल्ले पड़ोस में पालतू कुत्तों की संख्या ज्यादा होती है वहां अपराध कम होते हैं.
ज्यादा कुत्ते और सुरक्षा
इस अध्ययन में पाया गया है कि अगर मोहल्ले में कुत्ते ज्यादा होंगे तो वह क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा विश्वसनीय होगा. अध्ययन में यह सलाह दी गई है कि अगर आप सुरक्षित पड़ोस चाहते हैं, तो ऐसे इलाका चुने जहां बहुत सारे लोगों ने कुत्ते पाल रखे हों और लोग एक दूसरे पर विश्वास करते हैं.
कम होते हैं अपराध
अमेरिका के ओहियो के कोलम्बस में शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि जहां ज्यादा कुत्ते होते हैं, वहां इंसानों को मारने की, लूटपाट की और हमले की घटनाएं कम होती हैं. वहीं तुलनात्मक रूप से जहां कम कुत्ते होते हैं तो वहां इस तरह के अपराध ज्यादा देखने को मिले हैं. शोध में यह भी पाया गया है कि जिस मोहल्ले में लोग एक दूसरे पर ज्यादा भरोसा करते हैं वे भी ज्यादा सुरक्षित होते है.
अपराध होते हैं हतोत्साहित
सोशल फोर्सेस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजे दर्शाते हैं कि जो लोग अपने कुत्तों के साथ घूमते हैं वे गलियों मोहल्ले पड़ोस में ज्यादा नजर रखते हैं. अध्ययन के प्रमुख लेखक और ओहियो यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र के डॉक्टोरल छात्र निकोलो पिनचाक का कहना है कि नतीजे बताते हैं कि इस तरह से कुत्ते टहलाने वाले लोगों का गलियों पर नजर रखना अपराध को हतोत्साहित करता है. जब वे देखते हैं कि आसपास कुछ सही नहीं है तो यह अपराध को रोकने जैसा काम करता है.
नागरिकों का आपसी विश्वास भी
शोधकर्ताओं ने बताया कि सामजशास्त्रियों ने भी लंबे समय से यह अवधारणा दी है कि आस-पड़ोस के नागरिकों द्वारा आपसी विश्वास और स्थानीय निगरानी अपराधियों को रोकती है. लेकिन यह इस बात का पैमाना नहीं है कि लोग अपने पड़ोस कि गलियों में निगरानी कैसे रखते हैं. अपने शोध के लिए शोदकर्ताओं ने कोलंबस इलाके में साल 2014 से 2016 तक के 595 सेंसस ब्लॉक समूह के आपराधिक आंकड़ों का अध्ययन किया.
कैसे किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने एक मार्केटिंग फर्म के द्वारा 2013 किए गए सर्वे के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया जिसमें कोलंबस रहवासियों से पूछा गया था कि क्या उनके घर में कुत्ता है. इसके अलावा उन्होंने पड़ोस में लोगों के आपसी विश्वास पर किए गए एक अन्य अध्ययन के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया. शोध में पाया गया कि पड़ोसियों के बीच विश्वास अपराध रोकने का अहम हिस्सा है. साथ ही यह भी कि जहां इस विश्वास के साथ ज्यादा पालतू कुत्ते हैं, वहां अपराधों का स्तर और भी कम पाया गया.