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दुनिया में अलग-अलग किस्म के लोग रहते हैं. कुछ लोगों को नॉन वेज खाने का शौक होता है लेकिन कुछ लोग ऐसा लगता है कि सिर्फ जानवरों को खाने के लिए ही जीते हैं.
दुनिया में अलग-अलग किस्म के लोग रहते हैं. कुछ लोगों को नॉन वेज खाने का शौक होता है लेकिन कुछ लोग ऐसा लगता है कि सिर्फ जानवरों को खाने के लिए ही जीते हैं. पड़ोसी देश चीन के खान-पान का अहम हिस्सा एनिमल बेस्ड फूड ही है. ऐसे में अगर इसमें सावधानी नहीं बरती जाए तो कोरोना जैसे खतरनाक वायरस फैलने की आशंका बनी रहती है. चमगादड़ के ज़रिये फैले कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचाई लेकिन चीन में अब भी एनिमल फार्मिंग और मीट सेक्टर में खास सावधानी नहीं बरती जा रही है.
चीन में कुछ ऊंची-ऊंची इमारतों में पिग फार्मिंग का काम होता है. सोचिए अगर कहीं यहां से स्वाइन फ्लू फैला, तो उसे रोकना कितना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि चीन फिलहाल इसकी चिंता किए बिना सिर्फ अपने मुनाफे के बारे में सोच रहा है. Oddity Central की रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की खबर के बाद चीन ने सुअरों के पालन का काम और भी ज्यादा बढ़ा दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके.
मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में पलते हैं पिग्स
साल 2019 तक चीन में इस तरह ऊंची-ऊंची बिल्डिंग्स में पिग्स को पालने की इज़ाजत नहीं थी, लेकिन पिछले 3-4 सालों में परमिशन मिलने के बाद ये धंधा यहां खूब फल फूल रहा है. यहां अरबों रुपये पोर्क प्रोडक्शन में लगाए जा रहे हैं और सप्लाई ज्यादा से ज्यादा करने की कोशि की जा रही है. जिन ऊंची इमारतों में सुअरों का पालन हो रहा है, इन्हें पिग होटल कहा जाता है. शुरुआती दौर में ये 2-3 मंजिल के होते थे, लेकिन अब 10 मंजिला भी होने लगे हैं. इनमें सैकड़ों सुअरों को पाला जा रहा है. इसी महीने में हुबेई की Zhongxin Kaiwei Modern Farming कंपनी ने 26 मंजिला पिग होटल बनाया है, जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बना.
54 हजार टन पोर्क का उत्पादन
दुनिया की सबसे बड़ी ब्रीडिंग साइट माने गए इस होटल में 4 लाख स्क्वायर मीटर बिल्डिंग है, इसे ऑटोमैटिक फीडिंग मशीन और स्मार्ट एयर फिल्टरेशन और डिसइंफेक्शन सिस्टम से जोड़ा गया है. बायोगैस बेस्ड वेस्ट ट्रीटमेंट सिस्टम और इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन के ज़रिये जगह को बेहतरीन बनाया गया है. माना जा रहा है इसमें 6 लाख सुअरों के ज़रिये हर साल 54 हज़ार टन मीट सप्लाई किया जाएगा. यूरोप में भी ऐसे ब्रीडिंग सेंटर 2-3 मंजिल तक बने थे, लेकिन मैनेजमेंट न हो पाने की वजह से बंद हो गए. चीन इसके ज़रिये कम जगह में ज्यादा पिग फार्मिंग करके मुनाफा कमा रहा है. हालांकि एक्सपर्ट्स बायोसिक्योरिटी के मामले में आशंका जता रहे हैं. उनका कहना है कि एक भी स्वाइन फ्लू का केस बड़ा नुकसान कर सकता है
Ritisha Jaiswal
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