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लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाना कितना सही, आइये जानते है देश दुनिया में क्या है शादी की सही उम्र

Admin Delhi 1
4 Jan 2022 12:57 PM GMT
लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाना कितना सही, आइये जानते है देश दुनिया में क्या है शादी की सही उम्र
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-अलग-अलग देशों में शादी की उम्र पर कानून अलग

-कानूनी सख्ती के बावजूद चाइल्ड मैरिज के मामले बहुत

-नाबालिगों की शादी की भी कई जगह है इजाजत

वैसे तो सदियों से शादी-ब्याह और रिश्तों का फैसला इंसान के लिए बेहद निजी मामला रहा है लेकिन आज के इस युग में जब हर चीज कानून से तय होती है तो जाहिर है निजी संबंध और रिश्तों के मामलों पर भी कानून की छाया साफ दिखेगी. अब मोदी सरकार लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने की दिशा में आगे बढ़ी है तो देश में उसे लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं. हेल्थ और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट्स की मानें तो लड़कियों के हेल्थ और एजुकेशन के लिए ये जरूरी है लेकिन समाज में हर तबका इसके पक्ष में नहीं दिख रहा.

इस फैसले के विरोध में उतरे लोगों का तर्क है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल रखना ही सही है. 21 साल होने से शादियों में देरी होगी और पारिवारिक और सामाजिक चुनौतियां बढ़ेंगी. ऐसे में जरूरी हो जाता है ये देखना है कि लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के फैसले के क्या प्रभाव हो सकते हैं. इसका विरोध क्यों हो रहा है? विरोध कितना जायज है? दुनिया में इसपर क्या कानून है और भारत और बाकी देशों में जमीनी हकीकत क्या है?

दुनिया बदल गई लेकिन कानून 43 साल पहले अटका हुआ है !

इस कानून में बदलाव का एक अहम पहलू ये भी है कि देश में अभी लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल तय है जबकि लड़कियों की 18 साल. अब इसे एक समान करने की तैयारी है. अगर इस कानून की जड़ें तलाशें तो 1927 के शारदा एक्ट तक बात पहुंचती है. जब शिक्षाविद, न्यायाधीश, राजनेता और समाज सुधारक राय साहब हरबिलास शारदा ने बाल विवाह रोकने के लिए विधेयक पेश किया. तब लड़कों के लिए शादी की उम्र 18 और लड़कियों के लिए 14 साल तय की गई थी. वक्त बदलता गया और फिर कानून भी. लड़कों की शादी के लिए 21 साल तय हुआ और 1978 में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल तय की गई. तब से अब तक के 43 सालों में दुनिया बदल गई, लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई, करियर और लाइफस्टाइल सबकुछ बदल गया. लड़कियां अंतरिक्ष की सैर करके आने लगीं लेकिन कानून वहीं ठहरा रह गया. अब लंबे अरसे बाद फिर बदलाव की कवायद शुरू हुई है तो जाहिर है समर्थन और विरोध दोनों में आवाजें बुलंद होनी ही हैं...

वाजिब या गैरवाजिब है बदलाव? आप खुद तय करें

सिर्फ कानून बदल जाने से अगर जमीनी हालात बदल जाते तो अब भी लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल ही है लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे-5 के आंकड़े कहते हैं कि भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी हर 4 में से 1 लड़की का बाल विवाह कर दिया जाता है. अब सवाल उठता है कि कम उम्र में शादी बुरी क्यों हैं? तो इसका जवाब समाजशास्त्रियों इन चिंताओं में ढूंढा जा सकता है कि कम उम्र में शादी होने से लड़कियां कम उम्र में मां बनती हैं, जिससे मां और बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. कम उम्र में शादी होने से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर बढ़ जाती है. कम उम्र में शादी होने से लड़कियों की शिक्षा और जीवन स्तर पर भी बुरा असर पड़ता है. इतना ही नहीं, जीवनसाथी चुनने में फैसले लेने में उनकी उतनी नहीं चलती जितनी कि पढ़ाई करने और आत्मनिर्भर बनने के बाद वो कर सकती थीं.

गांवों और शहरों की काफी अलग है तस्वीर

बदलाव की बयार हमेशा शहरों से गांवों की ओर जाती है. शिक्षा और बदलाव की बयार तो गांवों की ओर जा रही है लेकिन लड़कियों के हालात को लेकर स्थिति अब भी उतनी बदली हुई नहीं दिख रही. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में बाल विवाह के मामले 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं. बाल विवाह यानी 18 वर्ष से कम उम्र में शादी हो जाना. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2020 में बाल विवाह के 785 मामले दर्ज किए गए थे. ये आंकड़ा वर्ष 2019 के मुकाबले 50 फीसदी अधिक था. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सेंसस कमिश्नर की रिपोर्ट कहती है कि देश में 2.3 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष तक पहुंचने से पहले ही कर दी जाती है. इस मामले में गांवों की स्थिति शहरों के मुकाबले ज्यादा खराब है. गांवों की 2.6 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले कर दी जाती है. वहीं शहरों की 1.6 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष तक पहुंचने से पहले हो जाती है.

सवाल ये है कि जब वोटिंग की उम्र 18 साल है तो शादी की 21 क्यों?

लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव के विरोध में सबसे बड़ा तर्क ये दिया जा रहा है कि जब देश में 18 साल में लोग बालिग मान लिए जाते हैं और वोटिंग यानी सरकार चुनने के लिए मतदान का अधिकार भी 18 साल में मिल जाता है तो शादी पर फैसले के अधिकार के लिए 21 साल का नियम क्यों? तर्क ये दिया जा रहा है कि महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र 18 वर्ष रखे जाने के बावजूद, भारत में बाल विवाह जारी है. और ऐसे विवाहों में कमी मौजूदा कानून के कारण नहीं बल्कि लड़कियों की शिक्षा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि के कारण हुई है.

लेकिन ये जानना जरूरी है कि परिपक्व उम्र में शादियों का सबसे अधिक फर्क लड़कियों की शिक्षा, हेल्थ, न्यूट्रिशन लेवल और रोजगार जैसे मामलों पर दिखता है. साइंटिफिक स्टडीज में ये बातें सामने आई हैं कि शिक्षा और रोजगार हासिल करने के बाद जिन समाजों में शादियों का चलन है वहां लोगों के सामाजिक हालात और हेल्थ के हालात ज्यादा अच्छे हैं. Utah यूनिवर्सिटी की मेडिकल और सोशियोलॉजिकल स्टडी के अनुसार 28 से 32 साल की उम्र शादी के लिए सबसे उचित है. इस उम्र वर्ग को शिक्षा, हेल्थ और करियर में आत्मनिर्भरता के लिए लिहाज से सबसे फिट पाया गया.

अब जानिए दुनिया का हाल...

आज जब तकनीक ने पूरी दुनिया को एक ग्लोबल विलेज के रूप में तब्दील कर दिया है तो ऐसे में हर चीज को दुनिया के लिहाज से देखना भी लाजिमी है.

यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि दुनिया के बाकी देशों में लड़के और लड़कियों की शादी की उम्र पर कानून क्या है? लड़कियों की शादी सही उम्र पर हो ये क्यों जरूरी है? इसपर यूएन पॉपुलेशन फंड के कार्यकारी निदेशक डॉ. बाबातुंडे ओसोटिमेहिन कहते हैं- कब और किससे शादी करना है ये किसी के जीवन का सबसे अहम फैसला होता है. लेकिन चाइल्ड मैरिज से लड़कियों के इन अधिकारों का हनन होता है. और ऐसे मामले दुनिया में हर साल लाखों की तादाद में सामने आते हैं.'

198 देशों को लेकर प्यू रिसर्च की रिपोर्ट कहती है कि 192 देशों में शादी की उम्र को लेकर कानून है. सिर्फ 6 ऐसे देश हैं- इक्वेटोरियल गीनिया, गाम्बिया, सऊदी अरब, सोमालिया, साउथ सूडान और यमन... जहां शादियों की न्यूनतम उम्र को लेकर कोई कानूनी प्रावधान नहीं है. लेकिन सबसे गौर करने वाली बात ये है कि कई देशों में कानूनी छूट है और 14 साल की नाबालिग उम्र में भी कई जगह शादियों की अनुमति है. और इस तरह की छूट एक या दो देशों में नहीं बल्कि 117 देशों में किसी न किसी रूप में मौजूद है.

दुनिया रंग-बिरंगी, कानून भी विविधता से भरे हुए...

सबसे रोचक बात ये है कि दुनिया के तकरीबन 38 देश ऐसे हैं जहां लड़कों और लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र अलग-अलग तय है. जैसे बांग्लादेश में लड़कियों के लिए न्यूनतम 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल तय है. सूडान में लड़कियों की शादी के लिए 10 साल और लड़कों के लिए 15 साल की न्यूनतम उम्र को मंजूरी है. अगर वे यौन रूप से परिपक्व हों तो. फिलिपींस में 15 साल की उम्र से शादी की मंजूरी है. तंजानिया में मुस्लिम और हिंदू लड़के-लड़कियों को 12 साल की उम्र में शादी की मंजूरी है लेकिन वे 15 साल की उम्र से पहले साथ नहीं रह सकते.

अल सल्वाडोर-

सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर में शादी के लिए न्यूनतम उम्र वैसे तो 18 साल तय है लेकिन अगर लड़का और लड़की शारीरिक और यौन रूप से विकसित हैं, या लड़की प्रेग्नेंट है या कपल को कोई बच्चा हो गया है तो आपात स्थिति के नियम के तहत 14 साल की उम्र में भी शादी की अनुमति का प्रावधान है.

ईरान-

धार्मिक रूप से काफी कट्टर माने जाने वाले ईरान में लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 13 साल तय है लेकिन 9 साल की उम्र की लड़कियों की शादी संभव है. ऐसा पिता या अदालत की मंजूरी से किया जा सकता है. इसी तरह 15 साल से कम उम्र के लड़कों की शादी के लिए भी अदालत की मंजूरी की जरूरत होती है. लेकिन इसके बावजूद कम उम्र की शादियों के मामले बहुत ज्यादा होती हैं।

पाकिस्तान-

पड़ोसी देश पाकिस्तान में वैसे तो चाइल्ड मैरिज पर कानूनी रूप से रोक है लेकिन ऐसे मामले बहुत ज्यादा हैं. कानूनी रूप से लड़कों के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़कियों के लिए 16 साल तय है. नियम तोड़ने वालों के लिए एक महीने की जेल या 1000 रुपये तक की पेनाल्टी का भी प्रावधान है. हालांकि कट्टर इस्लामिक संगठन इस कानून का विरोध करते हैं और शरीयत के मुताबिक इसे अवैध करार देते हैं. उनके अनुसार शादी के लिए कोई तय उम्र नहीं होनी चाहिए. लेकिन 2013 में पाकिस्तान के प्लानिंग एसोसिएशन के एक अनुमान के अनुसार कुल शादियों का 30 फीसदी चाइल्ड मैरिज के मामले हैं. यहां तक कि ग्रामीण पाकिस्तान में गरीबी से जूझ रहे मां-बाप कम उम्र में अपनी बच्चियों को शादियों के लिए बड़ी उम्र के लोगों को बेच देते हैं. यही हाल अफगानिस्तान में भी तालिबान शासन आने के बाद कई इलाकों में दिख रहा है जहां भूख से जूझ रहे मां-बाप के अपनी बच्चियों को शादी के लिए बेच देने के बहुत से मामले सामने आ रहे हैं.

तुर्की-

कभी अपनी आधुनिकता के लिए जाना जाने वाले तुर्की में कानून के मुताबिक शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है लेकिन पेरेंट्स की अनुमति से 17 साल और कोर्ट की अनुमति से 16 साल में भी शादी की परमिशन का प्रावधान है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में 12 साल की उम्र में भी शादियों के मामले सामने आते हैं या कई जगह शादियों के लिए लोग जन्मतिथि तक बदलवाने के लिए आवेदन देते हुए पाए गए हैं.

ऑस्ट्रेलिया-

ऑस्ट्रेलिया में लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है. लेकिन अदालतों की मंजूरी के साथ 16 साल की उम्र में भी कोई शादी कर सकता है. वहीं इराक, जमैका और उरुग्वे में पेरेंट्स की परमिशन के साथ बच्चों की शादी की भी मंजूरी मिली हुई है.

चीन-

सख्त कानूनों और सामाजिक पाबंदियों के लिए जाने वाले चीन में लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 20 साल जबकि लड़कों के लिए 22 साल तय है. यहां नाबालिगों की शादी के मामले तो नहीं दिखते लेकिन 'फ्यूचर ब्राइड' की बुकिंग के मामले कई बार मिलते हैं. जिसमें लोग बचपन में ही अपने बच्चों के लिए दुल्हनें तय कर उन्हें एडॉप्ट कर पालन पोषण करते हैं ताकि बाद में बालिग होने पर उनकी शादी कर सकें. एक बच्चे के नियम के चलते चीन के समाज में वैसे भी लड़के और लड़कियों का अनुपात काफी चिंताजनक रहा है.

अल्बानिया-

अल्बानिया में न्यूनतम उम्र 18 साल तय है लेकिन ग्रामीण इलाकों और खासकर घुमंतू समुदायों में बाल विवाह का प्रचलन बहुत ज्यादा है. यही हाल भारत समेत कई देशों में भी है जहां कानून तो हैं लेकिन कई जगहों से बाल विवाह के मामले भी सामने आते रहते हैं.

लैटिन अमेरिकी देश अल्बानिया में न्यूनतम उम्र 18 साल तय है लेकिन ग्रामीण इलाकों और खासकर घुमंतू समुदायों में बाल विवाह का प्रचलन बहुत ज्यादा है. यही हाल भारत समेत कई देशों में भी है जहां कानून तो हैं लेकिन कई जगहों से बाल विवाह के मामले भी सामने आते रहते हैं.

एंटीगुआ और बरबूडा-

वहीं एंटीगुआ और बरबूडा में लड़के-लड़कियों दोनों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है लेकिन पेरेंट्स की मंजूरी के साथ 15 से 18 साल के बीच भी शादी की मंजूरी का प्रावधान है. आर्मेनिया में भी 18 साल की न्यूनतम उम्र तय है लेकिन कम उम्र के लड़के-लड़कियों की शादियों के 7.2 फीसदी मामले दर्ज किए गए हैं. खासकर यजीदी समुदाय में शादी की तय उम्र से पहले ऐसे मामले ज्यादा आते हैं.

ब्राजील-

ब्राजील में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है. लेकिन पेंरेंट्स या लीगल रिप्रेंजेटिव की मंजूरी के साथ 16 साल की उम्र में भी शादियों की मंजूरी है. कानून के बावजूद यहां भी 36 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है.

कनाडा-

कनाडा में सरकार ने शादी के लिए न्यूनतम उम्र घटाकर 16 साल कर दिया है. कनाडा में कम उम्र में शादियों के मामले कम आते हैं लेकिन फिर भी ऐसा करने पर सरकार ने पासपोर्ट सरेंडर करने जैसे कदमों का प्रावधान बनाया है.

जापान-

जापान में पुरुषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 16 साल तय है.

कुवैत-

कुवैत में लड़कों के लिए शादी की लीगल उम्र 17 साल और लड़कियों के लिए 15 साल तय है. लेकिन कई ट्राइबल इलाकों में बहुत कम उम्र में लड़कियों की शादी के मामले काफी ज्यादा सामने आते हैं. वहां के कानून मंत्रालय के अनुसार करीब 3 फीसदी मामलों में लड़कियों की शादी तय उम्र से पहले ही हो जाती है.

न्यूजीलैंड-

न्यूजीलैंड में लड़के और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 20 साल तय है. लेकिन पेरेंट्स की अनुमति के साथ 16 साल से अधिक उम्र में शादी की अनुमति है. हालांकि, एजुकेशन लेवल अच्छा होने के कारण यहां कम उम्र में शादियों के मामले कम ही देखने को मिलते हैं.

उत्तर कोरिया-

उत्तर कोरिया जहां के कानून और समाज के बारे में दुनिया को ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है वहां भी पुरुषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 17 साल तय है.

नॉर्वे-

लाइफस्टाइल के लिहाज से दुनिया के सबसे अच्छे देशों में माने जाने वाले देश नॉर्वे में महिलाओं और पुरुषों के लिए शादी की उम्र 18 साल तय है. लेकिन विशेष परस्थितियों में 16 साल का कोई भी शख्स पेरेंट्स, अभिभावक या काउंटी गवर्नर की परमिशन से शादी कर सकता है.

अमेरिका-

अमेरिका के अधिकांश राज्यों में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है लेकिन कुछ राज्यों में अलग-अलग नियम है. मिसिसिपी में लड़कों के लिए 17 साल जबकि लड़कियों के लिए 15 साल की न्यूनतम उम्र तय है. जबकि नेब्रास्का में 19 साल शादी की न्यूनतम उम्र तय है. जबकि अमेरिका के कैरीबियन प्रांत पोर्टो रिको में शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल तय है.

ओमान-

ओमान में भले ही शादी के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल तय है लेकिन 16 साल के लड़के-लड़कियों की शादी के लिए पेरेंट्स या जज की परमिशन से अनुमति का प्रावधान है.

स्वाजीलैंड-

स्वाजीलैंड में शादियों को लेकर दो तरह के कानून हैं. ग्रामीण इलाकों में या ट्रेडिशनल लॉ मैरिज में 13 साल की उम्र की लड़कियों की शादी की भी अनुमति है. जबकि सिविल मैरिज में न्यूनतम 18 साल का कानून है.

वेनेजुएला-

वेनेजुएला में शादी की कानूनी उम्र न्यूनतम 18 साल है लेकिन पेंरेट्स की मंजूरी से लड़कियों की 14 साल और लड़कों की 16 साल में भी शादियां की जा सकती हैं.

UAE-

UAE में लड़के और लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है.

उरुग्वे-

उरुग्वे में शादी की लीगल उम्र 18 साल तय है. लेकिन पेरेंट्स की अनुमति से लड़कियों के लिए 12 साल और लड़कों के लिए 14 साल तय है|

टोंगा-

टोंगा में शादी की न्यूनतम उम्र 15 साल तय है.

ब्रिटेन-

ब्रिटेन में शादी के लिए 18 साल की न्यूनतम उम्र तय है. लेकिन इंग्लैंड और वेल्स में पेरेंट्स की अनुमति से 16 साल की उम्र में भी शादी की अनुमति का प्रावधान है.

नाइजर-

नाइजर में मैरिज सिविल कोड के अनुसार लड़कों के लिए न्यूनतम 18 साल और लड़कियों के लिए 15 साल की उम्र शादी के लिए तय है.

किस देश में शादियों की उम्र का औसत सबसे कम और सबसे ज्यादा है?

दुनिया में शादियों की औसत उम्र के मामले में चाड में सबसे कम उम्र पाया गया है जहां लोगों का शादी औसतन 19.2 साल में होती है. वहीं दो और अफ्रीकी देश नाइजर और मोजाम्बिक दूसरे और तीसरे नंबर पर आते हैं जहां शादियों की औसत उम्र है 19.4 साल और 19.6 साल. बांग्लादेश चौथे स्थान पर है 19.9 साल की औसत उम्र के साथ. जबकि म्यांमार में 22.3 साल.

विकासशील देशों में शादी की औसत उम्र की बात करें तो एशिया और अफ्रीका के देशों में यूरोप-अमेरिका की तुलना में जल्दी शादियां करने का रिवाज है. भारत में लड़कों की शादी की औसत उम्र 26 साल और लड़कियों की औसत उम्र 21 साल है. वहीं पाकिस्तान में शादी की औसत उम्र 21.1 साल है. एशिया में लेट शादी करने के मामले में साउथ कोरिया का औसत सबसे ज्यादा है. वहां लड़कियों की शादी की औसत उम्र 31.5 साल और पुरूषों की 34 साल पाई गई है. जबकि शादी की औसत उम्र में सबसे ज्यादा उम्र है एस्टोनिया में जहां औसत उम्र 36.4 साल है. यानी यहां सबसे अधिक उम्र में शादियां होती हैं.

शादियों की उम्र में फर्क का असर क्या?

इस उम्र वर्ग में हुईं शादियों में तलाक के मामले भी सबसे कम पाए गए. हालांकि, यूरोप और अमेरिकी समाजों से अलग एशिया और भारत के समाज के आर्थिक-सामाजिक हालात हैं. भारत में मेडिकल एक्सपर्ट 25 से 27 साल की उम्र को शादी के लिए सबसे उपयुक्त बताते हैं. इसका कारण एक्सपर्ट बताते हैं कि करियर की आत्मनिर्भरता, फैसले लेने में सक्षम होने और बच्चों की परवरिश के लिए पोषण के लिहाज से ये उम्र शादी के लिए उपयुक्त है.


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