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कैसा होता है एम्बरग्रीस... जानें इसके बारे में विस्तार से

Ritisha Jaiswal
28 Dec 2021 2:44 PM GMT
कैसा होता है एम्बरग्रीस... जानें इसके बारे में विस्तार से
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अगर आपको कहा जाए कि बाजार में किसी जानवर की उल्टी की बहुत डिमांड है


अगर आपको कहा जाए कि बाजार में किसी जानवर की उल्टी की बहुत डिमांड है और कीमत करोड़ों में तो क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे शायद उल्टी का नाम सुनकर आप कहें ना लेकिन ये बात सच है दुनिया में एक जीव ऐसा है जिसकी उल्टी की कीमत सोने और हीरे की तरह करोड़ों में है और इस प्राणी का नाम है व्हेल, दरसअल, व्हेल मछली ही पृथ्वी का एक ऐसा जीव है जिसकी उल्टी की कीमत हीरे या सोने से ज्यादा होती है। व्हेल की उल्टी को फ्लोटिंग गोल्ड भी कहा जाता है।

आखिर व्हेल की उल्टी में में ऐसा क्या होता है?
यह सब जानकर आपके दिमाग में भी एक ही बात आ रही होगी कि आखिर व्हेट की उल्टी में ऐसी क्या बात होगी या यह किस चीज के लिए इस्तेमाल की जाती है जो इतनी महंगी होती है तो चलिए आपको इसके बारे में जरा विस्तार से बताते हैं।
व्हेल मछली की इस उल्टी को एम्बरग्रीस कहा जाता है हालांकि कई एक्सपर्ट इसे मल बताते हैं। आसान से शब्दों में कहे तो यह व्हेल के शरीर से निकलने वाला अपशिष्‍ट होता है, जो व्हेल की आंत से निकलता है। दरअसल, व्हेल मछली समुद्र में पाए जाने वाले कई तरह के सामान निगल जाती है जिसे वह पचा नहीं पाती। उसके बाद वह फिर वापिस से इसे उल्टी के रूप में उगल देती है।
कैसा होता है एम्बरग्रीस?
बाहर निकलने वाले इस पदार्थ को एम्बरग्रीस कहा जाता है जो स्‍लेटी या काले रंग का एक ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ होता है। यह एक तरीके का मोम से बना पत्थर जैसा पदार्थ होता है, जिसकी सबसे ज्यादा डिमांड है।
एम्बरग्रीस महंगा क्यों है?
व्हेल मछली का पाचन तंत्र इसे प्रोड्यूस करता है। इसमें से गंध आती है, लेकिन इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने वाली कंपनियां करती हैं इसलिए परफ्यूम कंपनी इसे काफी महंगे दामों में खरीदती हैं। इसके अलावा इसका इस्तेमाल कुछ दवाई के रूप में भी किया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एम्बरग्रीस की कीमत का अंदाजा लगाया जाए तो करीब 15 पाउंड का एम्बरग्रीस की कीमत 2 लाख 30 हजार डॉलर है यानि करीब 6 किलो व्हेल की उल्टी यानी एम्बरग्रीस की कीमत 1 करोड़ 67 लाख रुपये तक है।
हालांकि एम्बरग्रीस की बिक्री कानून गैर कानूनी है क्योंकि स्पर्म व्हेल को 1970 में लुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया गया था जो अब वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित है इसी लिए इस ब्रिकी के लिए लोगों को कई बार गिरफ्तार भी किया गया है।


Ritisha Jaiswal

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