जरा हटके

होशंगाबाद का नाम बदल कर अब रखा गया नर्मदापुरम

Soni
22 Feb 2022 11:38 AM GMT
होशंगाबाद का नाम बदल कर अब रखा गया नर्मदापुरम
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हमारे यहां जब भी स्‍थानों के नाम बदलने की यह घटना घटती है, उसे तुरन्‍त एक राजनैतिक विवाद का मुद्दा बना दिया जाता है; विशेषकर हिन्‍दू और मुस्लिमों के बीच का विवाद. यदि हम यहां होशंगाबाद के नाम की चर्चा करें, तो सन् 1405 तक इस स्‍थान का नाम नर्मदापुरम ही था. इसका यह नाम इसलिए रखा गया था, क्‍योंकि यह शहर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है. आधुनिक राजनीतिक भाषा में इस नाम को एक धर्मनिरपेक्ष नाम कह सकते हैं. इस नाम का उल्‍लेख बाकायदे परमार शासक उदय वर्मा के ताम्रपत्र में उल्लिखित है. बाद में मालवा के शासक सुल्‍तान होशंगशाह गौरी के शासनकाल में इसका नाम बदलकर होशंगाबाद कर दिया गया | लगभग साढ़े पांच सौ साल पहले ब्रिटेन के महान नाटककार शेक्‍सपीयर ने कहा था कि 'नाम में भला क्‍या रखा है. क्‍या यदि हम गुलाब को गुलाब नहीं कहेंगे, तो वह सुगंध नहीं देगा.' लेकिन जब उनकी इस बात को हम आज स्‍थानों के नाम पर लागू करते हैं, तो उनकी बात झूठी साबित होती नजर आ रही है. यदि ऐसा नहीं होता, तो कुछ ही दिनों पहले मध्‍यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार राजधानी भोपाल से लगभग 75 किलोमीटर दूर के शहर होशंगाबाद (Hoshangabad) का नाम बदलकर नर्मदापुरम (Narbdapuram) नहीं करती. साथ ही वह क्‍यों बाबई नामक कस्बे का नाम बदलकर उसे माखननगर का नया नाम देती | पिछले 15 नवम्‍बर 2021 को हबीबगंज रेल्‍वे स्‍टेशन का नाम दो कारणों से पूरी दुनिया की जुबान पर आया था. पहला कारण था – इस रेल्‍वे स्‍टेशन को भारत के पहले विश्‍व स्‍तरीय रेल्‍वे स्‍टेशन के रूप में पहचान मिलना. दूसरा कारण था – हबीबगंज रेल्‍वे स्‍टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेल्‍वे स्‍टेशन किया जाना | भोपाल में ही एक बहुत बड़ा हॉल है, जिसका नाम था- मिंटो हॉल. सन् 1909 में भारत के तत्‍कालीन वायसराय लार्ड मिंटो के भोपाल आगमन की स्‍मृति में यह नाम रखा गया था. 26 नवम्‍बर 2021 को इसका भी नाम बदलकर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार कर दिया गया है. इसके साथ ही सरकार ने कई अन्‍य स्‍थानों के नाम परिवर्तन के अपने वायदे को दोहराया भी है | ऐसा नहीं है कि नाम बदलने का यह काम फिलहाल मध्‍यप्रदेश सरकार के नाम पर ही दर्ज है. कुछ महीने पहले उत्तरप्रदेश ने बहुत से स्‍थानों के नाम बदलकर उन्‍हें उनकी पुरानी पहचान लौटाई थी. महानगरों के नये नामों से हम सब परिचित ही हैं. बम्‍बई, मुम्‍बई हो गई. मद्रास चेन्नई हो गया. कलकत्ता, कोलकाता तथा बैंगलोर बेंगलुरू हो गया है.

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