जनता से रिश्ता वेबडेस्क| गाजियाबाद से आई है ये खबर. मामला था एक दुष्कर्म का लेकिन जब जांच की गई तो पता चला कि ये तो मामला ही कुछ और है. उसके बाद पुलिस के सामने आई एक कहानी जिसमें संगठित हनीट्रैप का इस्तेमाल करके फंसाये जाते थे शिकार.
गाजियाबाद पुलिस का खुलासा
गाजियाबाद पुलिस ने इस खुलासे के बारे में बताया कि ये एक संगठित हनीट्रैप गिरोह था जिसमें एक महिला और उसका पति प्रमुख भूमिका में थे और साथ में थे दूसरे किरदार जिनमें एक वकील भी शामिल था. इस गिरोह से जुड़ी हुई ठोस जानकारी को आधार बना कर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दर्ज हुआ था मामला दुष्कर्म का
पांच दिन पहले 26 अक्टूबर को मोदीनगर थाने में एक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. उसकी जांच के दौरान पुलिस को इस हकीकत का पता चला. जांचकर्ता पुलिस अधिकारियों को पता चला कि जिस व्यक्ति को इस गिरोह के लोगों ने आरोपी बनाया था, दरअसल वो स्वयं इस अपराध का पीड़ित किरदार है.
ले गये थे होटल में
इस अपराध के आरोपियों ने साजिश के तहत अपने शिकार को फंसा कर पहले विजय नगर थाना क्षेत्र के एक होटल में पहुंचे. मगर यहां पर जब इस शिकार व्यक्ति के साथ इस आरोपी महिला से भी आईडी की मांग हुई तो दोनो को वापस आना पड़ा और तब वे मोदीनगर के होटल में पहुंच गये जहां इस वारदात को अन्जाम दिया गया.
पिछले साल भी यही हुआ था
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने मामले की गंभीरता को भांप कर जांच की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली. तब जांच में उनको पता चला कि ठीक इसी तरह का मामला पिछले साल गाजियाबाद के ही कविनगर थाना क्षेत्र में भी आया था. जब पुलिस ने पीड़ित महिला और उसके साथियों से जब सख्त पूछताछ हुई, सारा मामला खुल कर सामने आ गया. ये गैंग गाजियाबाद के दोनो हनीट्रैप मामलों में शामिल था.
ऐसे फंसाते थे शिकार
इस हनी ट्रैप गैंग के काम करने का तरीका जो पुलिस ने बताया, काफी दिलचस्प है. ये लोग महिला को आगे रखते थे जो अपने प्रेमजाल में लोगों को फंसाती थी. इनके शिकार निम्न मध्यमवर्गीय तबके के लोग ही हुआ करते थे. शिकार को फंसा कर महिला मिलन करने के बहाने में होटल में ले आती थी जहां अचानक सही वक्त पर इस महिला का महिला का पति पहुँच जाया करता है जो कि थप्पड़ और घूंसों से बात करता है. मासूम होटल वाले इस मामले में महिला और उसके पति का ही साथ देते थे. बाद में ये पति पत्नी अपने साथियों के साथ मिल कर शिकार को पुलिस में रपट लिखाने की धमकी देते थे और बदले में उससे बढ़िया रकम ऐंठते थे.