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शख्स को हेल्थ केयर वर्कर्स से बचने के लिए एक पेड़ पर चढ़ते हुए देखा गया है, जो पुडुचेरी के विलानूर में उसे कोविड-19 टीकाकरण (COVID-19 Vaccination) का एक शॉट देने आए हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Omicron Danger: ग्रामीण भारत के कई हिस्से COVID-19 वैक्सीनेशन टारगेट को पूरा करने में विफल रहे हैं, क्योंकि लोग इस पर ध्यान देने से हिचकिचा रहे हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने आम जनता के बीच वैक्सीन की हिचकिचाहट को उजागर किया है. वीडियो में एक अधेड़ उम्र वाले शख्स को हेल्थ केयर वर्कर्स से बचने के लिए एक पेड़ पर चढ़ते हुए देखा गया है, जो पुडुचेरी के विलानूर में उसे कोविड-19 टीकाकरण (COVID-19 Vaccination) का एक शॉट देने आए हैं.
हेल्थ वर्कर्स को शख्स ने बुरी तरह छकाया
हेल्थ केयर वर्कर्स द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कि 'नीचे आकर वैक्सीन लगवा लो', लेकिन वह शख्स एक पेड़ के ऊपर जाकर बैठ जाता है. उस व्यक्ति ने हेल्थकेयर वर्कर्स के सभी अनुरोधों की अनदेखी करते हुए कहा, 'मैं वैक्सीन नहीं लूंगा. तुम मुझे नहीं पकड़ सकते.' स्वास्थ्य कर्मियों को उनके काम में हेल्प करने के बजाय, उस व्यक्ति ने परेशान कर दिया. वह पेड़ के ऊपर जाकर बैठ गया. हेल्थ वर्कर्स के अथक प्रयासों के बावजूद वह शख्स नीचे नहीं आया. उसके बाद बिना टीका लगाए ही जाने को विवश कर दिया.
Vaccine hesitancy at its peak!
— Sanjeevee sadagopan (@sanjusadagopan) December 28, 2021
"I will not take the vaccine, you can't get me",says a 40 year old man after climbing a tree @ Puducherry when the health dept. workers insisted him to take the #COVID19 jab.#vaccination#CovidIndia pic.twitter.com/1a8B5MdZb1
घरों में जाकर वैक्सीनेशन कर रहे हैं हेल्थ वर्कर्स
पुडुचेरी सरकार भले ही 100 प्रतिशत टीकाकरण के आंकड़े को छूने की कोशिश कर रही है, लेकिन लोगों में वैक्सीन की हिचकिचाहट चिंता का एक प्रमुख कारण बन गया है. पिछले टीकाकरण अभियान में छूटे सभी लोगों का वैक्सीनेशन करने के लिए हेल्थ वर्कर्स अब लोगों के घरों का दौरा कर रहे हैं.
इससे पहले, पुडुचेरी के मेट्टुपालयम की एक महिला सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी क्योंकि उसने देवी मरियम्मन के पास होने के कारण वैक्सीन लगवाने से परहेज किया था. हालांकि इन वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं. वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है और यह कि इसमें कोई बड़ा जानलेवा लक्षण नहीं होगा. इसके बजाय, यह एक जीवन रक्षक हो सकता है.
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