जरा हटके

क्या आप ने सोचा की ट्रेन के डिब्बों पर क्यों बनाई जाती हैं पीले और सफेद रंग की पट्टियां

Khushboo Dhruw
30 May 2021 7:13 AM GMT
क्या आप ने सोचा की ट्रेन के डिब्बों पर क्यों बनाई जाती हैं पीले और सफेद रंग की पट्टियां
x
भारतीय रेल विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है

भारतीय रेल (Indian Railways), विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. इतने बड़े रेल नेटवर्क को संचालित करने के लिए तमाम जरूरी चिह्न और संकेतों का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें देखकर परिस्थितियों का आंकलन किया जाता है. यदि ये चिह्न और संकेत न हों तो भारत ही क्या किसी भी देश में रेलवे का संचालन नहीं किया जा सकता है. भारतीय रेलवे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर चिह्न और संकेत रेल कर्मचारियों के लिए होते हैं. इनके अलावा भारतीय रेल में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी कई तरह के चिह्न और सांकेतिक निर्देश बनाए जाते हैं. इसी सिलसिले में आज हम आपको भारतीय रेल के डिब्बों पर बनाए जाने वाले एक बेहद ही खास सांकेतिक निर्देश के बारे में बताने जा रहे हैं जो हम सभी (यात्रियों) के लिए बहुत जरूरी है.

रेल के डिब्बों पर बनी सफेद और पीली रंग की पट्टियां
रेलवे स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों के कई डिब्बों पर आपने सफेद या पीले रंग की पट्टियां जरूर देखी होंगी. ये पट्टियां किसी डिब्बे के अंत में टॉयलेट की खिड़की के ऊपर बनाई जाती हैं. देखने में तो ये पट्टियां काफी साधारण होती हैं लेकिन इनका अपना महत्व है और ये हम जैसे रेल यात्रियों के लिए बहुत जरूरी है. कई बार किसी ट्रेन के लिए एक प्लेटफॉर्म पर हजारों यात्रियों की भीड़ इकट्ठी रहती है. इस भीड़ में कई लोग एसी बोगी में सफर करने वाले होते हैं तो कई लोग स्लीपर बोगी में जाने वाले होते हैं. इनके अलावा कई यात्री जनरल डिब्बे यानि सेकंड क्लास कोच में भी सफर करने वाले होते हैं.
किस बात का संकेत देती हैं सफेद और पीली रंग की पट्टियां
किसी भी ट्रेन में स्लीपर कोच के मुकाबले जनरल कोच की संख्या काफी कम होती है. लिहाजा, यात्रियों को ट्रेन में जनरल डिब्बों को आसानी से ढूंढने के लिए ये पट्टियां बनाई जाती हैं. सेकंड क्लास में सफर करने वाले यात्री डिब्बे के अंत में सफेद और पीली पट्टी देखकर ये समझ जाते हैं कि उन्हें इसी डिब्बे में बैठना है. यूं तो ट्रेनों में अकसर सफर करने वाले यात्रियों को मालूम होता है कि जनरल डिब्बे कहां लगाए जाते हैं लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि जनरल डिब्बों को ट्रेनों के बीच में भी लगा दिया जाता है. हालांकि, भारतीय रेल आमतौर पर जनरल डिब्बों को ट्रेन के अंत में ही लगाती है. जनरल डिब्बों की पहचान कराने के साथ ही ये पट्टियां जनरल डिब्बों को स्लीपर क्लास या एसी कोच से अलग करने की भी पहचान कराते हैं.


Next Story