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1 रुपये के पुराने नोट से लखपति बनने का शानदार मौका, जल्दी पढ़ें पूरी खबर

Gulabi
15 Oct 2021 8:02 AM GMT
1 रुपये के पुराने नोट से लखपति बनने का शानदार मौका, जल्दी पढ़ें पूरी खबर
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इंटरनेशनल मार्केट में है काफी डिमांड

हर कोई चाहता है कि उसके पास बहुत धन हो. पैसा कमाने के लिए लोग खूब मेहनत करते हैं. वहीं कुछ लोग पैसा कमाने के लिए शॉर्टकट खोजते हैं. अगर आप बिना काम किए जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, तो हम आपको एक बेहतरीन तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप अपने घर से बाहर कदम रखे बिना लखपति बन सकते हैं.


हर एक नोट का अपनी एक अलग और अनूठी कीमत होती है. अगर आपके पास 1 रुपये का पुराना नोट है तो आप घर बैठे ही लाखों रुपये कमा सकते हैं. आइये जानते हैं कैसे आपको रुपये मिल सकते हैं.

इंटरनेशनल मार्केट में है काफी डिमांड

जब चीजें पुरानी हो जाती हैं, तो वे एंटीक श्रेणी में आ जाती हैं, जिसकी इंटरनेशनल मार्केट बहुत डिमांड होती है. ऐसी चीजों के बदले काफी रुपये भी मिलते हैं. नूमिज्मैटिक्स (पुराने सिक्कें और मेडल इकट्ठा करने वाले) और नोटाफिलिस्ट (करेंसी नोट इकट्ठा करने वाले) दुर्लभ सिक्कों और नोट की तलाश में रहते हैं. यदि आपके पास भी ऐसा 1 रुपये का नोट है. तो आपके लिए उन्हें बेचकर पैसे कमाने का समय आ गया है.

इन वेबसाइट्स के जरिए बेच सकते हैं नोट
कई वेबसाइट ऐसे दुर्लभ सिक्कों की नीलामी का काम करती हैं. इसके लिए सबसे लोकप्रिय वेबसाइटों में से एक OLX है. आपको अपना लॉगिन आईडी बनाना होगा और अपने सिक्के की नीलामी करनी होगी. इसके अलावा एक अन्य वेबसाइट indiamart.com पर भी आप अपनी आईडी बनाकर सिक्कों की नीलामी कर सकते हैं. नीलामी के लिए आपको अपने सिक्के की एक फोटो शेयर करनी होगी. इसके साथ ही आप CoinBazzar और Quikr जैसी साइट पर भी अपने नोट को बेच सकते हैं

यदि आप लकी निकले, तो खरीदार सीधे आपसे संपर्क करेगा. वहां आप भुगतान और डिलीवरी की शर्तों के अनुसार अपना सिक्का बेच सकते हैं. इन साइट पर पुराने सिक्कों और नोटों की काफी डिमांड रहती है.

कब छ्पा था पहला 1 रुपये का नोट
बता दें, 1 रुपये का पहला नोट 30 नवंबर, 1917 को छपा था. उस नोट पर किंग जॉर्ज 5th की एक तस्वीर थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1926 में 1 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी गई थी लेकिन 1940 में इसे फिर से शुरू किया गया था. हालांकि इसे 1994 में एक बार फिर से छ्पाना बंद कर दिया गया था. इसके बाद 1 जनवरी 2015 को फिर से छपाई शुरू हुई और यह नोट बाजार में प्रचलन में आया.
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