जरा हटके

कारों का कब्रिस्तान, ज़ंग खा रही हैं करोड़ों की कारें

Manish Sahu
31 Aug 2023 9:59 AM GMT
कारों का कब्रिस्तान, ज़ंग खा रही हैं करोड़ों की कारें
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जरा हटके: जब इंसानों का निधन होता है, तो उनके शवों को एक खास जगह पर उनके धार्मिक रीति-रिवाज़ों के मुताबिक अंतिम यात्रा पर भेजा जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि जिन चीज़ों को हम इस्तेमाल करते हैं, इनकी लाइफ खत्म होने के बाद उन्हें कैसे खत्म किया जाता होगा. अब हर चीज़ के बारे में तो हम आपको नहीं दिखा सकते लेकिन एक ऐसी जगह की तस्वीरें ज़रूर दिखा सकते हैं, जहां इंसान की गाढ़ी कमाई से खरीदी जाने वाली कारें पड़ी हुई हैं.
पड़ोसी देश चीन की अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है, ऐसे में वहां लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड भी बढ़ा ही है. घर के अलावा सुख-सुविधा की चीजें और कारें भी लोगों ने खरीदी हैं, लेकिन जब ये प्रदूषण फैलाने लगीं, तो सरकार ने इनका सड़क पर चलना रोक दिया. ऐसी ही कुल एक लाख कारों को साल 2019 में चीनी सरकार की ओर से नेशनल एमिशन स्टैंडर्ड से बाहर होने की वजह से रिटायर करा दिया है.
यहां पर है कारों का कब्रिस्तान
चीन की हैंगशाउ सिटी में एक ऐसी जगह है, जहां पर ऐसी गाड़ियों को डंप किया गया है, जो रोड पर चलने के लायक नहीं पाई गई हैं. अगर आंकड़ों की बात करें तो डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में चीन की सड़कों पर कुल 260 मिलियन यानि 26 लाख गाड़ियां चालू हालत में मौजूद थीं. जब इन्हें राष्ट्रीय एमिशन स्टैंडर्ड पर परखा गया, तो इनमें से 19 लाख ऐसी गाड़ियां पाई गईं, जो अप्रचलित हो चुकी थीं. इन्हें सड़कों के हटाकर डंप कर दिया गया. चीन में ऐसे दर्जनों शहर हैं, जहां 2019 में रिटायर हुई इन गाड़ियों को कब्रिस्तान की तरह डेड व्हीकल्स मानकर डंप किया गया है.
चीन में प्रदूषण कम करने के लिए सड़क से हाई एमिशन वाले वाहनों को हटाया जा रहा है. यही वजह है कि यहां स्क्रैपयार्ड या फिर गाड़ियों के कब्रिस्तानों की संख्या बढ़ रही है. चीन में स्मॉग एक बड़ी समस्या है, जिसकी वजह प्रदूषण माना जा रहा है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि ज्यादा प्रदूषण वाले वाहनों को हटाया जाए और यही इन कब्रिस्तानों की वजह बन रही है.
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