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गोवा,पर वहां के वन्य जीव और वन्य जीवन की पहल

HARRY
30 Jun 2023 6:20 PM GMT
गोवा,पर वहां के वन्य जीव और वन्य जीवन की पहल
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | गोवा में पाए जाने वाले वन्य जीव की सूची में तरह-तरह की प्रजातियां शामिल हैं, जिनमे से कुछ यहां की स्थानीय प्रजातियां हैं तो कई प्रजातियां प्रवासी हैं। पंछियों की अगर बात की जाए तो आज तक गोवा में लगभग 500 तरह के पंछी दर्ज किए जा चुके हैं।

आप लोगों ने गोवा के बारे में तो बहुत सुना होगा, वहां का मौसम, समुंद्री-तट पर घूमते हुए पर्यटक और वहां के पकवानो की प्रशंसा सब जगह होती है मगर यह सब ज्यादातर गोवा के पश्चिमी भाग तक ही सीमित है। जैसे ही आप पूर्वी भाग में कदम रखेंगे आप प्रकृति का अद्भुत नजारा देख पाएंगे। पश्चिमी घाट में स्थित यह राज्य न केवल पर्यटकों को आकर्षित करता है मगर वहां पाए जाने वाले विभिन्न वनस्पति और पशु-पक्षियों से किसी भी प्रकृति प्रेमी का भी दिल मोह लेता है।

भारत का सबसे छोटा राज्य होने के बावजूद भी गोवा में पाए जाने वाले वन जीवों की गिनती कई बड़े राज्यों से भी अधिक है। इस राज्य की भौगोलिक स्थिति, तापमान और यहां के वर्षा-वनों की वजह से ही यह संभव हो पाया है।अगर आप इन प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना चाहते हैं तो यहां पर स्थित कई वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कर सकते हैं। गोवा में स्थित मोलम राष्ट्रीय उद्यान, बोंडला वन्यजीव अभयारण्य, कोतीगाव वन्यजीव अभयारण्य और नेत्रावली वन्य अभयारण्य काफी प्रसिद्ध हैं।

गोवा में पाए जाने वाले वन्य जीव की सूची में तरह-तरह की प्रजातियां शामिल हैं, जिनमे से कुछ यहां की स्थानीय प्रजातियां हैं तो कई प्रजातियां प्रवासी हैं। पंछियों की अगर बात की जाए तो आज तक गोवा में लगभग 500 तरह के पंछी दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें से वेस्टर्न व पश्चिमी घाट की लगभग 16 स्थानिक प्रजातियां भी शामिल हैं।

यही नहीं बल्कि कई दुर्लभ प्रजातियां जैसे की निलकरना किलकिला, धनेश, लाल जूमिज, दुनिया का सबसे छोटा किलकिला यानि बॉना किलकिला इत्यादि भी शामिल हैं। गोवा का राज्य पक्षी माणिक- कंठी बुलबुल भी अक्सर यहां पर दिख जाता है।

इन प्रजातियों की रक्षा और शरण देने वाले पश्चिमी घाट प्रकृति का मानो एक अजूबा ही है। गोवा में पाई जाने वाली सभी नदियां पश्चिमी घाट की ही देन है। इन नदियों द्वारा उपजाऊ होती भूमि और फलते फूलते वन कई प्रकार से स्थानीय जीव और यहां रहने वाले लोगों की सहायता करती हैं। यहां के वर्षा-वन वन्य जीवों को आवास प्रदान करने के साथ-साथ यहां के लोगों को भी आय का साधन प्रदान करते हैं।

प्रकृति-प्रेमी और कई पर्यटक भी यहां के जंगलों की खूबसूरती को निहारने के लिए अलग अलग देशों व जगहों से आते हैं। यहां पर कई निर्देशित पर्यटन भी करवाए जाते हैं जो की यहां के व्यवस्या का मुख्या साधन भी है। अगली बार जब भी आप गोवा जाये तो एक बार प्रकृति के नजरों का लुत्फ उठाने के लिए पश्चिमी घाट की यात्रा अपनी सूची में शामिल करना मत भूलना।

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