सरपतहा थाना इलाके के एक गांव की रहने वाली किशोरी को अपने ही रिश्तेदारी की एक किशोरी से प्यार हो गया. दोनों की मोहब्बत आसमान छूती रही लेकिन घर वालों की इसकी भनक तक न लगी. समलैंगिक होने के कारण किसी को इस बात का शक भी न हुआ कि ऐसा हो सकता है.
इश्क की आग ने बाली उमर को कुछ इस कदर झुलसाया कि दोनों घर छोड़ अपनी जिंदगी नए सिरे से बसर करने निकल पड़ीं. यह बात जब परिजनों को पता चली तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई. इस घटना की जिसे भी जानकारी हुई हर कोई हैरान दिखा
थाने पर मामले की सूचना दी गई और गुमशुदगी दर्ज हुई. चार दिनों बाद दोनों की लोकेशन अयोध्या मिली. पुलिस दोनों को थाने ले आई. दोनों किशोरियों में से एक ने जहां पुरुष वेशभूषा बना रखी थी, वहीं दूसरी परंपरागत रूप से लड़कियों के परिधान में थी. दोनों में से एक खुद को प्रेमी तो दूसरी खुद को प्रेमिका बताती.
थाने पर ही दोनों आपस में विवाह के लिए अड़ गईं. पुलिस ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन दोनों मानने को राजी नहीं थी. आखिरकार किसी तरह से समझा-बुझाकर दोनों को घर रहने के लिए भेज दिया गया.