यूक्रेन और रूस युद्ध (Russia Ukraine War) को दो महीने से भी ज्यादा समय हो गया, लेकिन अभी रोजाना गोलाबारी की खबरें आती रहते हैं. कई सारे ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसे देखकर लोगों का दिल दहल गया. यूक्रेन में बहादुरी, वीरता और बलिदान की कहानियां रोज आने लगे हैं. यूक्रेनियन रूसी हमले का बहादुरी से मुकाबला कर रहे हैं और युद्ध के पहले दिन से ही उनके विरोध के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं. मार्च में, एक 80 वर्षीय यूक्रेनी शख्स ने अपने पोते के लिए लड़ने के लिए सेना में भर्ती होने की कोशिश की थी, जिसकी तस्वीर वायरल हुई थी. कुछ दिनों बाद, द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले दिग्गज ओल्हा तेवरडोखलिबोवा नाम की एक 98 वर्षीय महिला ने यूक्रेनी सेना में शामिल होने की पेशकश की थी.
युद्ध में लड़ने के लिए गे कपल ने ज्वाइन की आर्मी
इन उदाहरणों ने दुनिया को इस बात का स्पष्ट अंदाजा दिया है कि देश के लोग इस समय कितना कड़ा प्रतिरोध कर रहे हैं. अब, सेना में भर्ती की एक और कहानी सामने आई है, जिसके बारे में जानकर नेटिजन्स वाहवाही कर रहे हैं. यूक्रेन का एक LGBTQ+ कपल देश के आर्म्ड फोर्स में शामिल हुए और दोनों ही मिलकर युद्ध के आगे की लाइन में खड़े हैं. वह न सिर्फ यूक्रेन बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गए. अलेक्जेंडर जुहान और एंटोनिना रोमानोवा दोनों की उम्र 37 साल है. युद्ध शुरू होने से पहले वह दोनों थिएटर में काम करते थे, लेकिन 2022 में रूस के हमले से पहले कपल को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि वे मूल रूप से क्रीमिया के रहने वाले हैं.
क्रिमिया से भागकर आए थे कीव लेकिन अब लड़ रहे जंग
जुहान और रोमानोवा 2014 में क्रीमिया से कीव भाग आए, जब पुतिन ने पूर्वी प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया. 24 फरवरी के हमले के बाद दोनों अपने बाथरूम में छिपकर दो दिन बिताए. इस कपल ने पहले कभी किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया है, इसके बावजूद सशस्त्र बलों में भर्ती होने का फैसला किया. रोमानोवा ने कहा, 'मुझे बस यह याद है कि हमारे पास केवल तीन विकल्प थे: या तो एक बम शेल्टर में छिपो, भागकर जान बचा लो, या फिर वॉलिंटियर्स में शामिल हो जाओ. हमने तीसरा विकल्प चुना.' वहीं जुहान ने कहा कि रूसी सेना न केवल यूक्रेनियन को मार रही है बल्कि उनकी संस्कृति को नष्ट करने की भी कोशिश कर रही है.
दुनियाभर में गे कपल की जमकर हो रही तारीफ
हालांकि इस कपल का सेना में स्वागत किया गया है और दुनिया भर में नेटिजन्स द्वारा इसकी सराहना की गई. वे चिंतित थे कि सेना में भेदभाव और समलैंगिकता का अनुभव हो सकता है. सौभाग्य से, उन्हें अभी तक ऐसी कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है. उन्होंने मई के महीने में एक ब्रेक लिया लेकिन 25 मई को फिर से फ्रंटलाइन पर वापस चले गए.