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10 लाख रुपये किलो तक बिकने वाला फंगस, खरीदने के लिए लोगों की लगी रहती है होड़, इसलिए है खास

jantaserishta.com
27 May 2021 3:14 AM GMT
10 लाख रुपये किलो तक बिकने वाला फंगस, खरीदने के लिए लोगों की लगी रहती है होड़, इसलिए है खास
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दुनिया में अभी अगर आप फंगस (Fungus) नाम सुनेंगे तो शायद डर जाएंगे. ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस के बाद दुनिया में आतंक सा मच गया है. कोरोना (Corona Virus) की वजह से वैसे ही मौत के आंकड़े काफी बढ़े हुए थे. इसी बीच अब इन फंगस के प्रकोप से मौत के आंकड़ों में और वृद्धि हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा फंगस भी है, जिसे ख़रीदने के लिए लोग पानी की तरह पैसा बहा देते हैं. इसे दुनिया का सबसे महंगा फंगस कहा जाता है. मार्केट में ये फंगस 10 लाख रुपये किलो तक बिकता है.

दुनिया के इस सबसे महंगे फंगस को भारत के हिमालय (Himalaya) में कीड़ाजड़ी और यारशांगुबा कहते हैं. वहीं कई लोग इसे हिमालयन वियाग्रा (Himalayan Viagra) के नाम से भी जानते हैं. हालांकि, अंग्रेजी में इसे कैटरपिलर फंगस (Caterpillar Fungus) कहते हैं. दुनिया के कई देशों, खासकर चीन (China) में इसकी काफी डिमांड रहती है. अपने औषधीय गुणों के कारण लोगों में इस फंगस को खरीदने की दिलचस्पी रहती है. लेकिन ये फंगस सिर्फ ख़ास इलाकों में उगती है. ये फंगस 3500 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में ही पाई जाती है.
कैटरपिलर फंगस उंचाइए वाले एरिया में उगते हैं. भारत के हिमालयी क्षेत्रों के अलावा नेपाल, चीन और भूटान की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी ये फंगस काफी उगती है. खासकर पठारी इलाकों में. उत्तरखंड के पिथौरगढ़, चमोली और बागेश्वर में भी इसके पैदावार होती है. इनकी पैदावार का तरीका काफी अलग है. जब मई से जुलाई के बीच पहाड़ों से बर्फ पिघलने लगती है तब सरकार कुछ लोगों को हायर करती है. ये लोग ऊंचाई पर जाकर इस फंगस को जमा करते हैं. इन्हें जमा करने में दो से तीन महीने का समय लगता है. तब तक ये लोग ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही रहते हैं.
ये फंगस वैसे तो सरकार द्वारा दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है. इसके सेवन से सेक्स संबंधी कई बीमारियां दूर हो जाती हैं. साथ ही कई तरह के फिजिकल विकार भी दूर होते हैं. लेकिन चीन में कई लोग इसे ब्लैक में खरीद कर घर में ही पकाते हैं. दवाइयों की जगह इनसे कई तरह की डिशेज बनाई जाती है. हालांकि, कोरोना और कई तरह के बॉर्डर विवाद की वजह से इन फंगस का चीन के साथ व्यापार पर असर पड़ा है. साथ ही साथ बीते 15 सालों से मौसम में बदलाव के कारण इनकी उपज में 30 प्रतिशत तक की कमी आई है.
चूंकि, ये फंगस काफी कम उगता है, इस वजह से IUCN ने इसका नाम संकट ग्रस्त प्रजातियों में डाल दिया है. ग्लोबल वार्मिंग और मौसम में बदलाव इसकी पैदावार में कमी का कारण है. कैटरपिलर फंगस एक तरह का जंगली मशरूम ही है. ये एक ख़ास तरह के जंगली कैटरपीलर्स को मारकर उनके ऊपर उगता है. इसका साइंटिफिक नाम ओफियोकॉर्डिसेप्स साइनेसिस (Ophiocordyceps Sinesis) है. साथ ही जिन जंगली कीड़े को मारकर उसके ऊपर ये उगता है, उसे हैपिलस फैब्रिकस कहते हैं.
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