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बादामी आंखों वाली विनीता चेहरे पर बंधे कपड़े को कस लेती हैं। उनका पुश्तैनी घर वेश्याओं की गली में है। वो इलाका, जिसे दिल्ली के लोग जीबी रोड कहते हैं। वो कहती हैं- गटर साफ करने वाला भी शरीर से बदबू हटा पाता है, हमारे तो एड्रेस में ही बदबू है। एक बार इंटरनेट पर समझना चाहा कि आसमान कितना बड़ा है। जवाब मिला- जितनी दूर हम देख सकें! मेरे लिए आसमान सिंगल बेड की चादर से भी छोटा है, उतना ही, जितना मैं घर के अंदर से देखती हूं। छत पर जाने की मनाही है। खिड़की से झांको तो गंदे इशारे होते हैं।
बाहर निकलो तो झूमते शराबी टकराएं। एकाध मौके को छोड़कर मैंने कभी तारों भरा आसमान नहीं देखा। धूप भी उतनी ही, जितनी झरोखे से आ जाए।
Soni
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