कई रंगों के होते हैं मेंढक, तस्वीरों में देखें इस छोटे जंतु की खूबसूरती

संदीप दास की मेंढकों,खासकर बैंगनी मेंढकों में गहरी दिलचस्पी है. लेकिन उन्हें इस बात का मलाल है कि बाघ, हाथी जैसे बड़े जानवरों के विपरीत, छोटे जानवरों को दुर्भाग्य से वो ध्यान नहीं मिलता है जिसके वे हकदार हैं. इन छोटे जीवों की अविश्वसनीय खूबसूरती और क्षमताओं को दास सुर्खियों में लाना चाहते हैं. कभी माना जाता था कि ये केवल अनामुडी समिट में पाए जाते थे, बाद में दास और उनकी टीम ने इन्हें आसपास के कई क्षेत्रों में पाया.
ये सुंदर मेंढक पश्चिमी घाट के सबसे दुर्लभ, खास और लुप्तप्राय मेंढकों में से एक है. इस प्रजाति के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, फिलहाल इसके बारे में स्टडीज जारी हैं.
बैंगनी मेंढक को राज्य उभयचर घोषित करने का प्रस्ताव वन विभाग को दास ने भेजा था. दास और उनके साथी वैज्ञानिकों ने इसे "महाबली मेंढक" नाम दिया क्योंकि यह केवल एक दिन के लिए जमीन के नीचे से निकलता है.
ये मेंढक की एक लुप्तप्राय प्रजाति है. ये ईख के गुच्छों के अंदर प्रजनन करते हैं. इनके अंडे सीधे छोटे मेंढकों में बदल जाते हैं.