मानव जीवन के हर पक्ष को प्रभावित करते हैं फूल, भावनओं के प्रतीक भी फूल
किठौर: फूल प्रकृति की अद्भुत रचना है, जो मनुष्य के मन को सुंदरता, कोमलता, सुगंध व ताजगी के अहसास से प्रफुल्ल कर देती है। सांसारिक मोह माया से उबकर प्रकृति की शरण में पहुंचे मनुष्य को सर्वाधिक शांति और प्रसन्नता हरियाली और फूल ही बख्शते हैं। शायद यही वजह है कि गांव के अलावा शहर कस्बों में आबाद बहुत लोग बड़ी फुलवारियों से अपने छोटे घरों को सुसज्जित कर फूलों के शहर में बनाए रखने का सपना साकार कर रहे होते हैं।
नि:संदेह मनुष्य का फूलों से अटूट रिश्ता है। जन्म से मृत्यु तक फूल जीवन के प्रत्येक पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फूल सौंदर्य प्रसाधन के साथ धार्मिक, समाजिक, राजनीतिक क्रिया-कलापों में प्रयोग किए जाते हैं। फूल दवा भी हैं और इनके रंग मनुष्य की अनकही पहेलियों के प्रतीक भी। वर्तमान युग की बात करें तो फूल मनुष्य जीवन के आर्थिक पक्ष को भी प्रभावित कर रहे हैं। फूल की उपयोगिता ने मनुष्य को फ्लोवर्स डे मनाने पर मजबूर कर दिया है।
फूल का इतिहास और किस्में
फूल के इतिहास पर बात करें तो 2002 में वैज्ञानिक को दुनिया का सबसे पुराना फूल मिला अनुमान है कि 125 मिलियन वर्ष पूर्व यह चीन के कुछ हिस्सों में खिलता था। एक सर्वे के अनुसार दुनिया में फूलों की 40000 प्रजातियां हैं। जिनमें ट्यूलिप लिलि, डेजी, गार्डेनिया, आर्किड, गेंदा, गुलाब, मून फ्लोवर फूल सजावट, केसू, गुलाब, ब्रोकली, चमेली आदि औषधीय मैरीगोल्ड की कई प्रजातियां कीटनाशक एथेंस व गुलाब की झााड़ियां रक्षात्मक और वातावरण के सौंदर्यकरण, सूरजमुखी का प्रयोग तेलीय और परमाणु विस्फोटक के रूप में किया जाता है।
गुलाब, चमेली और कमल का फूल धार्मिक प्रयोजन, गैस प्लांट फूल जलाने और कुछ फूलों का प्रयोग वस्त्र उद्योग और सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी किया जाता है। रैफलेसिया अर्नोल्डी दुनिया के सबसे बड़े खिलने वाले फूलों में शुमार है।
फूल फीलिंग्स एक्प्रेशन का जरिया
वैसे तो प्रत्येक फुल का अपना महत्व है। लेकिन गुलाब को खास माना जाता है। इसके माध्यम से लोग अनकही बातें अपने दोस्तों तक पहुंचा देते हैं। इसके विभिन्न रंग विभिन्न भावनाओं के प्रतीक माने जाते हैं। लाल गुलाब प्यार, पैशन और इमोशन का प्रतीक है तो पीला गुलाब खुशी व अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। सफेद गुलाब शांति व आॅरेंज गुलाब उत्साह का प्रतीक माना जाता है। धन्यवाद करने के लिए पिंक गुलाब दिया जाता है।
आर्थिक महत्व
फूल और फुलवारी मनुष्य के आर्थिक जीवन का आधार बनती जा रही हैं। मेरठ-गढ़ रोड स्थित शाहजहांपुर में 1985 में मोईद खां द्वारा शुरू किया गया फूलदार पौधों से जुड़ा नर्सरी कारोबार तरक्की के नित नए आयाम छू रहा है। फिलहाल यहां मोईद खां के बेटे नदीम की एवरग्रीन और वसीम की राजधानी नर्सरी के अलावा गालिब खां की वाटिका, रफीका खां की हयात, तसलीम खां की भारत मुन्ने खां की अबीरा नर्सरी फूलवारियों के पौधों का हब हैं। शाहजहांपुर में इन नर्सरियों का विदेशों में डंका और अरबों रुपयों का कारोबार हैं। यहां फूल विक्रय बहुत परिवारों की आजीविका का साधन है।