जापान में पहला होटल, जहां उपयोग होती है कचरे से बनी बिजली
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज पूरी दुनिया में जिस तरह से प्लास्टिक और खाद्य अपशिष्ट सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है, यह वाकई आने वाले समय में बहुत ही हानिकारक सिद्ध होगा। जहां हर तरफ लोग इसके निस्तारण को लेकर परेशान होते हैं तो वहीं एक जगह ऐसी भी है जहां पर कचरे से बनी बिजली की उपयोग किया जाता है। जी हां यहां पर पूरी तरह से अपशिष्ट से बनी बिजली का उपयोग होता है। ये जगह हो जापान के टोक्यों में एक होटल, जिसका नाम हैं,'कावासाकी किंग स्काइफ्रंट टोक्यू रे' यहां पर अपशिष्ट से बनी हाइड्रोजन को ऊर्जा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। यह दुनिया की पहली ऐसी जगह हो जहां पर अपशिष्ट से बनी ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है।
तोशिबा कंपनी ने ईजाद की है तकनीक
'कावासाकी किंग स्काइफ्रंट टोक्यू रे ' होटल की 30 फीसदी हाइड्रोजन ऊर्जा को जहां प्लास्टिक कचरे से बनाया जाता है तो वहीं शेष 70 फीसदी ऊर्जा फूड वेस्ट से बनाई जाती है। इस तकनीक को जापानी कंपनी तोशिबा ने ईजाद किया है। इसकी खास बात ये हैं कि हाइड्रोजन ईंधन सेल सिस्टम बिना कार्बन उत्सर्जन हाइड्रोजन को बिजली में बदल देता है। जिससे पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। इस प्रणाली के तहत ईंधन सेल सिस्टम से निश्चित मात्रा में पाइप के माध्यम से हाइड्रोजन पहुंचती रहती है। यहां तक कि यहां पर आने वाले लोगों के द्वारा इस्तेमाल कि गई चीजों जैसे कंघी, टूथब्रश आदि का उपयोग भी हाइड्रोजन से ऊर्जा बनाने में कर लिया जाता है।
प्रतिवर्ष 4.50 लाख किलो वाट बिजली की होती है आपूर्ति
इस होटल से प्रति वर्ष 3 लाख क्यूबिक नैनोमीटर हाइड्रोजन की आपूर्ति होती है। जिससे चार लाख 50 हजार किलोवाट बिजली पैदा होती है। इतनी बिजली से लगभग 82 घरों की जरुरतों को पूरे एक वर्ष तक पूरा किया जा सकता है। अगर इस तरह से अपशिष्ट का प्रबंधन किया जाए तो काफी हद तक प्लास्टिक और कचरे की समस्या से निजात पाई जा सकती है।