जरा हटके

किसान के बेटे ने देशी जुगाड़ लगाकर बनाया इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल

Ritisha Jaiswal
3 July 2022 4:20 PM GMT
Farmers son made electric motorcycle by doing indigenous jugaad
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मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो दुनिया की कोई भी ताक़त आपको नहीं रोक सकती है

मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो दुनिया की कोई भी ताक़त आपको नहीं रोक सकती है. दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और लगन से इंसान असंभव को भी संभव बना सकता है. उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के रहने वाले नीरज मौर्य ने यह साबित कर दिखाया है. बता दें कि नीरज ने बैटरी से चलने वाली बाइक बनाई है जो एक बार के चार्ज में 50 किलोमीटर तक जा सकती है. लेकिन नीरज के लिए ये काम इतना आसान नहीं था. नीरज के पिता पेशे से किसान हैं और साथ ही पंचर बनाने का काम भी करते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि नीरज इस बाइक को बनाने में होने वाले ख़र्चों को पूरा कर पाता. ऐसे में नीरज ने देसी जुगाड़ लगाकर इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल को बनाया है.

नीरज ने हालात से हार नहीं मानी. उन्होंने देसी जुगाड़ और दिमाग लगाकर नवरात्रि में मूर्तियां बनाईं. उन मूर्तियों को बेचकर बाइक बनाने के लिए पैसे का इंतज़ाम किया. इस बाइक को बनाने में 30 हज़ार रुपए का खर्च आया. ख़ास बात यह है कि बिना किसी तकनीकी शिक्षा लिए नीरज ने यह बाइक बनाई है.
ये हैं इस बाइक की खूबियां
नीरज को यह बाइक बनाने में क़रीब एक महीने का समय लगा. यह बाइक एक बार चार्ज होने पर 50 किलोमीटर तक का सफ़र आसानी से तय कर सकती है. साथ ही इसमें गियर भी लगाया गया है जो इसे आगे या पीछे ले जाने में मदद करता है. यह बाइक अन्य बाइकों की तरह ही रफ़्तार में चलती है.
प्रदूषण से मिल सकता है छुटकारा
नीरज का कहना है कि यदि सरकारी सब्सिडी मिले तो इस बाइक को बनाने का खर्च और भी कम हो सकता है. नीरज चाहते हैं कि लोग उनके द्वारा बनाई गई इस बाइक का प्रयोग करें जिससे इंधन वाली बाइकों से होने वाले प्रदूषण से छुटकारा मिल सके.



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