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वैज्ञानिक तरीके से खेती कर किसान ने किया 'चमत्कार', उगाई पीले रंग की तरबूज, अब कमा रहा लाखों

Gulabi
26 Feb 2021 2:44 PM GMT
वैज्ञानिक तरीके से खेती कर किसान ने किया चमत्कार, उगाई पीले रंग की तरबूज, अब कमा रहा लाखों
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गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है. गर्मी के हिसाब से फलों और सब्जियों की बिक्री शुरू हो गई है

गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है. गर्मी के हिसाब से फलों और सब्जियों की बिक्री शुरू हो गई है. इस सीजन में खीरा, ककड़ी और तरबूज की खूब बिक्री होती है. बाजार में लाल तरबूज दिखते हैं जिसकी भारी मांग होती है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि पीला तरबूज भी होता है जिसका टेस्ट लाल वाले से ज्यादा मीठा होता है?


कर्नाटक के एक किसान ने पीला तरबूज उगाया है जिसकी बड़ी चर्चा है. रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के इस किसान का नाम बासवराज पाटिल है जिनकी शिक्षा ग्रेजुएट स्तर तक हुई है. इसके साथ ही वे नए जमाने के किसान भी हैं. पाटिल को खेती-बड़ी में इनोवेशन करने का शौक है और वे वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हैं. इस तरह की खेती में वे हमेशा कुछ नया करते हैं और इसकी बड़ी तैयारी भी करते हैं. कलबुर्गी जिले के कोराल्ली गांव के रहने वाले पाटिल ने जब सोशल मीडिया पर पीले तरबूज की फोटो डाली तो कमेंट्स की बौछार हो गई. लोगों के लिए यह नई बात थी क्योंकि अब तक हम लाल तरबूज ही देखते आए हैं.

पोषक तत्व भी भरपूर
पीले तरबूज की मिठास लाल तरबूज से ज्यादा होने के साथ पोषक तत्वों में भी भरपूर है. लाल की तरह इस तरबूज का बाहरी छिलका भी हरा है लेकिन काटने पर अंदर से पीला दिखता है. पाटिल का दावा है कि इस तरबूज में भी उतने ही पोषक तत्व हैं जितने की लाल तरबूज में. दोनों में सिर्फ रंग को लेकर है. एक लाल है तो दूसरा पीला. पाटिल को इस तरबूज से अच्छी कमाई भी हो रही है. लोगों के लिए यह नई उपज है और पारंपरिक उपज से हटकर है, इसलिए बेचने पर अच्छा पैसा मिल रहा है. जैसे-जैसे गर्मियां चढ़ेंगी, पाटिल की कमाई और बढ़ती जाएगी.

पीले तरबूज से कमाई
कमाई के बारे में बासवराज पाटिल ने बताया कि उन्होंने पीले तरबूज की खेती पर 2 लाख रुपये खर्च किए लेकिन उन्हें 3 लाख से ज्यादा की कमाई हो चुकी है. पाटिल के मुताबिक, किसानों को अपनी खेती में समय-समय पर बदलाव करना चाहिए क्योंकि इससे मिट्टी के साथ-साथ उपज के मामले में भी फायदा होता है. नई फसल उगाने और बाजार में जल्दी उतारने से कमाई ज्यादा होती है. लोग पसंद से खरीदते भी हैं. पाटिल ने तरबूज की इस नई वेरायटी को बेचने के लिए स्थानीय बाजारों के साथ 'बिग बाजार' के साथ गठजोड़ किया है. पाटिल ने बताया है कि खेती में नई सोच से बड़े स्तर पर फायदा कमाया जा सकता है.

कैसा मौसम उपयुक्त
कर्नाटक में तरबूज की अच्छी खेती होती है. इसमें मौसम भी बेहद मददगार साबित होता है क्योंकि तरबूज की खेती के लिए अधिक तापमान वाली जलवायु अच्छी मानी जाती है. कलबुर्गी में इसके लिए उपयुक्त जलवायु पाई जाती है. देश के अन्य हिस्से में जहां भी तरबूज की खेती होती है, वहां की जलवायु गर्म होने से फल में अच्छी वृद्धि दर्ज की जाती है. जिन इलाकों में ठंड ज्यादा पड़ती है या जहां पाले की समस्या है, वहां इसकी सफल खेती नहीं होती. तापमान बढ़ने के साथ ही तरबूज का आकार बढ़ता है और इससे कमाई भी बढ़ती है. मिट्टी में ज्यादा नमी हो तो पत्तियों में बीमारी आने लगती है और फसल चौपट हो जाती है.


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